Quantcast
Channel: The Better India – Hindi
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3559

मैसूर का यह किसान 1 एकड़ ज़मीन पर 300 किस्म के पौधे उगा, कमा रहा है 10 लाख तक मुनाफा!

$
0
0

मैसूर के रहने वाले थमैया पीपी, किसान हैं। साल 1984 के बाद से ही थमैया जैविक खेती का अभ्यास कर रहे थे, लेकिन फिर लगातार कई सालों तक उन्होंने सिंचाई संबंधित और पैदावार खराब होने जैसी समस्याओं का सामना किया। उनकी सबसे बड़ी समस्या, खेतों पर सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता थी।

फिर कुछ साल पहले मैसूर के हुंसुर तालुक (जहां सालाना सूखे की आशंका होती है) के रहने वाले किसान थमैया ने एक अपरंपरागत रास्ता अपनाने का फैसला किया। थमैया ने अपने एक एकड़ के खेत में पांच-स्तरीय की खेती के साथ प्रयोग करने का मन बनाया। यह एक ऐसा मॉडल था जो थमैया के लिए आत्म-निर्भर मॉडल साबित हुआ। इस मॉडल से 69 वर्षीय थमैया को कई तरह का लाभ मिल रहा है। खेत में सिंचाई के दौरान 50 प्रतिशत पानी की बचत के साथ पैदावार में दस गुना की वृद्धि हुई है, जिससे वह सालाना 10 लाख तक का मुनाफा कमा रहें हैं।

बहुस्तरीय खेती के ज़रिए, अपनी एक एकड़ के खेत में थमैया 300 किस्म के पैड़-पौधे उगा रहें हैं, जिसमें नारियल, कटहल, बाजरा, पत्तेदार सब्जियाँ, आम, सुपारी, केले से लेकर काली मिर्च तक के पेड़ शामिल हैं। इस मॉडल को अपनाने के बाद थमैया को जिस तरह का लाभ मिल रहा है वह किसी भी किसान के लिए एक सपने की तरह है।

मैसूर स्थित फार्म

क्या होती है पांच-स्तरीय खेती?

इस मॉडल में, ज़मीन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने के लिए, एक ही खेत में किसान अलग-अलग ऊंचाई के पेड़-पौधे उगाता है। इससे होने वाले फायदे के बारे थमैया ने द बेटर इंडिया से विस्तार में चर्चा करते हुए बताया –

“यह एक आत्मनिर्भर तकनीक है क्योंकि जब तक पहली फसल काटी जाती है, तब तक दूसरी फसल तैयार हो जाती है। पौधे एक दूसरे के साथ निकटता में बढ़ते हैं, इसलिए एक फसल के लिए ज़रूरी पानी की मात्रा, दो या दो से ज़्यादा फसलों के लिए पर्याप्त होती है और इस तरह लाखों लीटर पानी की बचत होती है।”

कुछ साल पहले जब उन्होंने इस मॉडल के बारे में सुना, तो इसे हंसी में उड़ा दिया था। साल 1984 में जब उन्होंने केमिकल खाद को छोड़ कर जैविक खेती की ओर रुख किया तब राह में आने वाली सारी परेशानियां और समस्याएं उनके ज़हन में अब भी ताज़ा हैं।

वह बताते हैं, “मेरी फसल केमिकल खाद की इतनी आदी थी कि जैविक खाद के साथ तालमेल बैठने में लगभग एक साल लग गया। 6 एकड़ खेत होने के बावजूद पहले कुछ चक्रों के लिए मेरी पैदावार कम थी। इसलिए जब मैंने मल्टी-लेयर यानी बहुस्तरीय खेती के बारे में सुना, जहां कई तरह के पेड़-पौधे एक साथ उगाए जाते हैं, तो मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन फिर जब मैंने अपने साथी किसान के खेत का दौरा किया और देखा कि इस तरीके से काफी फायदा पहुंच रहा है, तब मैंने भी इसे अपनाने का सोचा।”

एक प्रयोग करते हुए, उन्होंने एक एकड़ पर पांच-स्तरीय खेती करना शुरू किया और अपने खेत के बाकी हिस्सों में पारंपरिक तरीके से फसलों को उगाना जारी रखा।

कैसे करता है यह काम?

थमैया का प्रयोग नारियल के पेड़ों के साथ शुरू हुआ –

1. उन्होंने सबसे पहले 30 फीट की दूरी पर खेत के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में नारियल के पेड़ लगाए।
2. दो नारियल के पेड़ों के बीच, उन्होंने एक चीकू का पेड़ लगाया। नारियल और चीकू के पेड़ों के बीच उन्होंने एक केले का पेड़ लगाया।
3. नारियल के पेड़ों के नीचे, उन्होंने सुपारी और काली मिर्च लगाए। इन पेड़ों के बीच में उन्होंने मसालों के पौधे लगाए।
4. खेत के उत्तर और दक्षिण की ओर उन्होंने आम, जामुन, कटहल, बेल जैसे पेड़ लगाए।
5. आम और कटहल के पेड़ों के नीचे दूसरी परत में मूंग दाल, नींबू का पेड़ और सहजन लगाए।
6. उन्होंने हरी सब्जियाँ और बाजरा भी लगाया है। इससे मिट्टी ढक जाती है और खरपतवार नहीं बढ़ती है।
7. जमीन के नीचे उन्होंने हल्दी, अदरक, गाजर, और आलू उगाए।

थमैया कुछ और पेड़ उगाते हैं, जिनमें 140 औषधीय पौधे, आंवला, चेरी, कॉफ़ी, शीशम, शरीफा, चंदन और गन्ना शामिल हैं।

प्रणाली सहजीवन पर निर्भर करती है। प्रत्येक पौधा दूसरे को बढ़ने में मदद करता है। थमैया कहते हैं, “हल्दी अपने रोगाणुरोधी गुणों के कारण बैक्टीरिया के विकास को नियंत्रित करता है, सब्जियाँ खरपतवार को बढ़ने से रोकती हैं, मसाले बीच में होते हैं क्योंकि उन्हें कम धूप की आवश्यकता होती है।  नारियल के पेड़ अन्य पौधों तक सूर्य के प्रकाश पहुंचाने में मदद करते हैं और साथ ही साथ छाया भी प्रदान करते हैं ताकि वे लंबे समय तक प्रकाश के संपर्क में रहें।”

कटाई के दौरान, पौधों को काटने के बजाय, वह उन्हें उखाड़ देते हैं जिससे सूरज की रोशनी, पानी और ऑक्सीजन को गहराई तक पहुंचने में आसानी होती है और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है।

पांच-स्तरीय खेती के फायदे

थमैया की माने तो इसके कई फायदे हैं। सबसे पहली बात तो यह कि पानी का इस्तेमाल काफी कम हो जाता है क्योंकि झाड़ियाँ, लताएँ और सब्जियाँ पानी को देर तक रखते हैं और बड़े पेड़ों द्वारा छाया आगे वाष्पीकरण को रोकती है। थमैया दावे के साथ कहते हैं, “अगर एक एकड़ खेत में, एक पारंपरिक किसान प्रति चक्र में 20,000 लीटर से ज़्यादा पानी का इस्तेमाल करता है, तो मुझे 6,000 लीटर से कम की ज़रूरत होती है।”


इसके अलावा, उन्होंने छह जल तालाबों का निर्माण भी किया है। प्रत्येक तालाब में 25 लाख लीटर पानी संग्रहित करने की क्षमता है। इन तालाबों में बारिश का पानी एकत्र होता है, जिससे पानी की कमी की समस्या दूर होती है। इस मॉडल का एक और लाभ यह है कि इससे साल भर उपज मिलता है क्योंकि यहाँ ऐसे फसलों को उगाया जाता है जो अलग-अलग समय में तैयार होतीं हैं। थमैया बताते हैं,

“एक पेड़ मुझे नियमित रूप से 300 नारियल देता है। केले और कुछ सब्जियां एक सप्ताह के अंतर में तैयार होती हैं। इस बीच, तीन मौसमों में मौसमी फसलें और फल उपजते हैं, और औषधीय पौधों की कटाई हर दिन होती है।”

हालांकि, बाजार में साल भर उपज बेच कर वह लाभ कमाते हैं, लेकिन उनके पास वैकल्पिक कमाई का ज़रिया भी है। उनके पास नारियल और औषधीय पौधों की नर्सरी है और वह मूंगफली के तेल और अचार जैसे उत्पाद भी बनाते है। कुल मिलाकर, थमैया के मॉडल खेत से निवेश में कटौती और मुनाफे में कई गुना वृद्धि हुई है। साथ ही, पानी की समस्या खत्म हुई है, भूजल का पुनर्भरण हुआ है और स्वस्थ भोजन भी मिल रहा है।

भारत जैसे देश में जहां कई किसान अच्छा जीवन जीने के लिए संघर्ष कर रहें हैं और खेती में इस्तेमाल होने वाले केमिकल की बिक्री बढ़ी है, थमैया का यह जैविक मॉडल एक प्रभावी समाधान हो सकता है।

अगर थमैया की कहानी ने आपको प्रेरित किया, तो आप उनसे यहां संपर्क कर सकते हैं।

मूल लेख – गोपी करेलिया

संपादन – अर्चना गुप्ता


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

The post मैसूर का यह किसान 1 एकड़ ज़मीन पर 300 किस्म के पौधे उगा, कमा रहा है 10 लाख तक मुनाफा! appeared first on The Better India - Hindi.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 3559

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>