नोएडा में रहने वाली राखी मित्तल को बचपन से ही गार्डनिंग का शौक रहा। साल 2013 में उन्हें एक वर्कशॉप के दौरान पता चला कि रासायनिक खेती से उगी हुई फसलें और साग-सब्ज़ियाँ कितनी नुकसानदेह हैं।
इसके बाद से उन्होंने खुद अपने घर में किचन गार्डनिंग करने की ठानी। वह घर की बालकनी और छत पर सब्ज़ियाँ उगातीं हैं, जिनमें भिंडी, तोरई, बैंगन, टमाटर, हरी मिर्च, फूल गोभी, हरी सलाद, पालक, धनिया, मेथी, पुदीना, गाजर, मूली, हरे प्याज, करेला और लौकी आदि शामिल हैं।
द बेटर इंडिया के साथ एक खास बातचीत में राखी ने बताया कि घर में सब्ज़ियाँ उगाना कितना फायदेमंद है। उन्होंने गार्डनिंग के आसान और कम लागत के तरीकों पर भी चर्चा की।

राखी मित्तल से हमारी बातचीत का एक अंश आप यहाँ पढ़ सकते हैं:
1. अगर कोई अपना गार्डन/बगीचा लगाना चाहता है तो उसे सबसे पहले क्या करना चाहिए?
गार्डनिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले हमें ताज़ी हवा के महत्व के बारे में जागरूकता और इसके लिए कुछ करने की इच्छा होनी चाहिए। जैसे वॉशिंग मशीन गंदे कपड़ों को साफ़ करती है वैसे ही पेड़-पौधे प्रदूषित हवा को। मुझे लगता है कि पेड़ लगाना, प्रदूषण के चलते हो रही बिमारियों में दवाइयां खाने से ज्यादा सस्ता उपाय है। बुद्धिमानी इसी में है कि आपके घर में जहां भी थोड़ी खुली जगह है, वहां आप पेड़ लगाएं।
2. अगर कोई पहली बार गार्डनिंग कर रहा है तो उन्हें किस तरह के पेड़-पौधे लगाने चाहिए?
आप हर्बल पेड़-पौधों से अपनी शुरुआत कर सकते हैं जैसे तुलसी, करी पत्ता, पुदीना। इसके अलावा, आप फूलों के पेड़, इंडोर प्लांट, पत्तेदार सब्ज़ियाँ जैसे पालक, धनिया लगा सकते हैं।
3. गार्डनिंग के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें?
गार्डनिंग के लिए मिट्टी तैयार करना बहुत ही आसान है। आप सबसे पहले तो किसी नर्सरी से या फिर आपके घर के पास कहीं से मिट्टी ले लीजिए। मैं मानती हूँ कि कोई मिट्टी बुरी नहीं होती, क्योंकि उसे पोषक बनाने के काम हमारा है।
अब इस मिट्टी में आप गोबर की खाद/वर्मीकंपोस्ट या फिर घर के गीले कचरे से बनाई हुई खाद मिला लीजिए। फिर इसमें कोकोपीट मिलाइए। अगर कोकोपीट उपलब्ध नहीं है तो आप पेड़ों के सूखे पत्ते भी इकट्ठा करके मिला सकते हैं।

अब इस तैयार मिट्टी को हम ‘पॉटिंग मिक्स’ कहते हैं क्योंकि इसमें हम पौधे लगाएंगे और यह काफी उत्तम गुणवत्ता वाली होती है।
नोट: घर में बनाई खाद सभी खादों में सबसे उत्तम होती है और इसलिए इसे ‘काला सोना’ भी कहते हैं!
4. बीज कैसे लगाएं?
यह बहुत ही आसान है। जब आप गमलों या फिर ग्रो बैग में पॉटिंग मिक्स डालकर इसे तैयार कर लें तो इसमें ऊँगली से ही समान दूरी पर दो-तीन क्यारियां बना लें।
अब हमारे बीज दो तरह के हो सकते हैं जैसे मेथी और सरसों के बीज छोटे होते हैं तो इन्हें इन क्यारियों में छिड़क कर डालें मतलब कि एकदम पास-पास। लेकिन कुछ बीज मोटे होते हैं इन्हें थोड़ा गहरा लगाया जाता है।
ऐसे में, आप अपनी उंगली से समान दूरी पर मिट्टी में गड्ढे करें और बीज डाल दें। फिर इनके ऊपर मिट्टी डाल दें।
अब पानी देने की बारी है। ध्यान रहें कि पानी कभी भी एक तरफ से न डालें बल्कि अपने हाथ में पानी लेकर, ऊपर से छिड़काव करते हुए डालें।
5. गार्डनिंग करने के कुछ आसान और कम लागत के तरीके क्या हैं?
ज़रूरी नहीं कि आप बाहर से ही गमले खरीदें। आप अपने घर में बेकार पड़ी चीजों को प्लांटर्स की तरह उपयोग में ले सकते हैं। जैसे आपके घर में कोई ड्रम है या फिर पुरानी बाल्टी है तो उनमें पॉटिंग मिक्स भरकर आप बीज लगा सकते हैं।
आजकल तो लोग प्लास्टिक की बोतल तक इस्तेमाल कर रहे हैं प्लांटर्स की तरह। इसके अलावा, आप अपनी रसोई में उपलब्ध कई चीजों को बीज की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे कि मेथी के दाने या सेम की फली के दाने।
आप घर पर ही खाद बनाइए। इससे आपके घर का गीला कचरा भी अच्छे से इस्तेमाल हो जाएगा और आपको कहीं बाहर से खाद खरीदने की ज़रूरत नहीं होगी।
6. पेड़-पौधों की देखभाल कैसे करें, कब पानी दें और कितनी धूप उनके लिए ज़रूरी है?
गार्डनिंग के लिए आपको, अच्छे गमले, अच्छी मिट्टी, धूप, सही मात्रा में पानी और समय-समय पर खाद डालते रहने की ज़रूरत होती है।
हर एक पेड़ को अलग-अलग मात्रा में धूप चाहिए होती है। फल, फूल और सब्ज़ियों के पेड़-पौधों को धूप में रखना चाहिए। जबकि इंडोर प्लांट्स को कभी भी सीधी धूप की ज़रूरत नहीं होती। पानी देते समय आपको खास ध्यान रखना चहिए। ज्यादा पानी देने से कभी-कभी पेड़-पौधे खराब भी हो जाते हैं। आपको इतना पानी देना चाहिए कि मिट्टी में नमी बनी रहे।
पौधे भी सजीव प्राणी हैं और उन्हें भी समय-समय पर खाना चाहिए। उनका खाना है अच्छी खाद। महीने में एक बार पेड़ों में थोड़ी-थोड़ी खाद ज़रूर डालें। इससे पेड़ स्वस्थ और मजबूत रहेंगे।
7. कोई घरेलू नुस्खा बताइए जिससे पेड़-पौधों को पोषण दिया जा सकता है?
बहुत-सी चीजें हैं जिन्हें आप इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे कि आप छाछ या फिर दही को 3-4 दिन के लिए बाहर रख दीजिए। जब यह बहुत खट्टा हो जाए तो आप इसे पानी में मिलाकर पेड़ों पर स्प्रे कर सकते हैं। इससे कोई कीट आपके पेड़ों के पास नहीं आएगा और उनमें बीमारी नहीं लगेगी।
दूसरा, अपने आस-पास किसी गौशाला से गौमूत्र मंगवा लीजिए। इसे भी पानी में मिलाकर पेड़ों में डाल सकते हैं।
8. कुछ सरल तरीके, जिससे कि घर में भी सब्ज़ियों की अच्छी और पोषक पैदावार हो?
एक तरीका जो मैं हमेशा करती हूँ, वह है अलग-अलग तरह की सब्ज़ियाँ लगाना। मेरा मानना है कि प्रकृति को विविधता पसंद है। मैं एक ही ग्रो बैग में शलजम, पालक, तुलसी के पौधे लगा लेती हूँ। इन सबकी उपज अच्छी होती है। तकनीकी भाषा में कहें तो मल्टी-क्रॉपिंग करना।
इसके अलावा, अक्सर पेड़-पौधे लगाने के लिए मैं एक अलग तरीका अपनाती हूँ। मैं ग्रो बैग में सबसे पहले सूखी पत्तियों की एक परत डालती हूँ। फिर उसके ऊपर घर का गीला कचरा डालती हूँ और इसमें फिर से सूखे पत्ते मिलाती हूँ। कुछ दिनों बाद, जब ग्रो बैग आधा भर जाता है तो उसके ऊपर मिट्टी डालकर, उसमें सब्ज़ियाँ लगाती हूँ।
इससे सब्जियां बहुत ही पोषक और स्वस्थ उपजती हैं और एक बार बीज लगाने के बाद, आपको इसमें सिर्फ पानी देना होता है। क्योंकि नीचे गीला कचरा और पत्तियां होने से इसे किसी खाद या फिर अलग से पोषण की ज़रूरत नहीं होती।
9. देश में लॉकडाउन है तो ऐसे में आपको आपके किचन गार्डन का कितना फायदा हुआ है?
लॉकडाउन के दौरान, लोगों को अहसास हुआ है कि हमें ज़िंदगी जीने के लिए सिर्फ ज़रूरी खाने और चीजों की ज़रूरत है। मैंने और मेरे परिवार ने महसूस किया है कि अपने घर में किचन गार्डन होना कितना लाभदायक है। घर में ही सब तरह की साग-सब्ज़ियाँ और हर्ब्स मौजूद हैं। हम सबको पता है कि ताज़ी जैविक सब्ज़ियाँ खाना और हर्ब्स से बनी ड्रिंक पीने से हमारा इम्युनिटी लेवल काफी मजबूत हो जाता है।
10. अंत में, हमारे पाठकों के लिए कोई सलाह या फिर टिप्स?
गार्डनिंग में कोई असफल नहीं होता क्योंकि आपका हर एक अनुभव एक सबक है। सबको अपने दिमाग में बस यही एक बात रखनी चाहिए और गार्डनिंग का पूरा आनंद लेना चाहिए।
राखी मित्तल से संपर्क करने के लिए आप उन्हें Rakhi02@outlook.com पर ईमेल कर सकते हैं!
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