भारत में अधिकतर लोगो को बचत करने की आदत है। जहाँ इस बचत का एक हिस्सा बच्चो की पढाई, शादी और अन्य खर्चो के लिए रखा जाता है, वहीँ इसका एक बड़ा हिस्सा हम अपने बुढापे के लिए संभाले रखते है। पुणे के रहने वाले 73 वर्षीय प्रकाश केलकर ने भी अपनी सारी उम्र यहीं किया।लेकिन अब उन्होंने अपनी सारी कमाई जवानों, किसानों और कुछ एनजीओ को देने का फैसला किया है।
इसके लिए उन्होंने एक करोड़ रुपए की वसीयत भी तैयार कराई है। और उनके इस वसीयत में उनकी पत्नी की भी सहमति है।
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दरअसल प्रकाश एक कपड़ा व्यवसायी रहे हैं। इस दौरान कपास खरीदने के लिए उन्हें गांवों में जाना पड़ता था, जहां उन्होंने किसानों की समस्याओं को निकट से देखा था। उनका शोषण भी होते देखा था।
अब जीवन के अंतिम समय में उन्हीं बातों को याद करके, उन्होंने अपनी पूरी कमाई को दान करने का निर्णय किया है। यह पैसा किसानों तथा जवानों के सहयोग के लिए खर्च होगा।
प्रकाश की वसीयत के मुताबिक उनकी मौत के बाद एक करोड़ रुपए में से 30 फीसदी हिस्सा प्रधानमंत्री राहत कोष और 30 फीसदी हिस्सा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगा। 30 फीसदी हिस्सा जवान और किसानों की मदद में खर्च होगा। जबकि 10 फीसदी हिस्सा एनजीओ को दिया जाएगा।
प्रकाश केलकर का कहना है कि वे अपना बाकी जीवन समाजसेवा करते हुए गुजारना चाहते है। वे कभी पुणे के चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोलकरने, तो कभी झुग्गी में बच्चों को पढ़ाने चले जाते हैं। यहां के लोगों को वे मुफ्त में दवाइयां भी मुहैया कराते रहते हैं। लोग उन्हें झोपड़ पट्टी का कंपाउंडर के नाम से जानते हैं।
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