आलू मटर, मटर पनीर, मटर कचौड़ी और न जाने मटर के ऐसे कितने ही व्यंजन हैं, जिनका नाम सुनकर ही मुंह में पानी आने लगता है। सही बात है कि जिस व्यंजन में मटर होता है, उसका स्वाद बढ़ जाता है। बच्चे भी कच्चे मटर खाना बहुत पसंद करते हैं। मटर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन A, K, C, आयरन और मैगनीज जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। साथ ही, इसमें ‘एंटी-ऑक्सीडेंट्स’ (प्रतिउपचायक) भी होते हैं। मटर स्वास्थ्य के लिए जितना फायदेमंद है, इसे उगाना भी उतना ही आसान है। जी हाँ, मटर में ढेरों पोषक तत्व होते हैं। लेकिन, रासायनिक तरीकों से उगाई हुई मटर में, ये सभी पोषक तत्व नहीं होते हैं। इसलिए, जरूरी है कि हम जैविक तरीकों से उगाई हुई मटर ही खाएं। इसका सबसे अच्छा तरीका है कि हम खुद अपने घर के आँगन, छत या बालकनी में, गमलों, ग्रो बैग या किसी अन्य कंटेनर में मटर (pea plant) उगायें।
यह सुनकर अक्सर लोगों को हैरानी होती है कि भला घर में, गमलों में मटर कैसे उगाये जा सकते हैं? लेकिन, यह बिल्कुल संभव है और इसका एक अच्छा उदाहरण दे रहे हैं मध्य प्रदेश के भोपाल में रहने वाले शिरीष शर्मा, जो हर साल सर्दियों के मौसम में अपने घर की छत पर अन्य साग-सब्जियों के साथ मटर भी उगाते हैं।
शिरीष शर्मा भोपाल के एक निजी संस्थान में बतौर सहायक निदेशक काम करते हैं। लेकिन, उनके दिन की शुरूआत अपने बगीचे से ही होती है। शिरीष 15 वर्षों से अधिक समय से छत पर बागवानी कर रहे हैं और उनकी छत पर 150 से अधिक पौधे हैं। वह बताते हैं, “मटर को गमलों में या किसी अन्य बड़े और चौड़े कंटेनर में भी उगाना बिल्कुल आसान है। अगर आपको बागवानी की गहरी जानकारी नहीं है, तब भी आप मटर उगाने की कोशिश कर सकते हैं। इसके लिए आपको न तो ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत पड़ेगी और न ही ज्यादा मेहनत करनी होगी।”
कैसे उगा सकते हैं घर पर मटर:
शिरीष कहते हैं कि मटर उगाने के लिए, आप बाजार से खरीदी हुई मटर के दाने भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, बाजार में मिलने वाली सूखी मटर का भी आप बीज के रूप में उपयोग कर सकते हैं। अगर आपके घर के पास, कोई नर्सरी है, या बीजों की दूकान है तो आप वहां से भी बीज ले सकते हैं।
अगर आप ताजा मटर के दाने ले रहे हैं, तो इन्हें तीन-चार दिनों के लिए, किसी गीले सूती कपड़े में बांधकर एक डिब्बे में रख दें। तीन-चार दिन बाद, जब ये दाने अंकुरित हो जाएं तो आप इन्हें बो सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप सूखी मटर या बीज ले रहे हैं, तो पहले इन्हें 24 घंटे तक पानी में भिगोने के बाद गमलों में बोएं।
वह आगे कहते हैं कि मटर के बीज बोने का सबसे उपयुक्त समय, अक्टूबर के मध्य से लेकर नवंबर के मध्य तक होता है। आप नवंबर के महीने तक बीज लगा सकते हैं। जिससे आपको जनवरी के अंत तक फसल मिलनी शुरू हो जाती है। अगर आप ‘पॉलीहाउस’ लगाकर बागवानी कर रहे हैं, तो तापमान नियंत्रित करके, आप किसी भी मौसम में मटर उगा सकते हैं। इसके अलावा, जिन इलाकों में ठंड ज्यादा रहती है और गर्मी कम, वहां भी सर्दियों के बाद मटर उगाई जा सकती है।
कैसे करें मिट्टी तैयार:
इसके लिए आप 50% सामान्य बगीचे की मिट्टी, 30% केंचुआ खाद या गोबर की खाद और 20% कोकोपीट या रेत साथ में मिलाएं। अब, इसमें आप दो मुट्ठी नीमखली मिला लें। मटर के लिए ऐसी मिट्टी बनानी चाहिए, जिसमें पानी बिल्कुल भी न ठहरे।
मटर उगाने के लिए आप 12-14 इंच के गमले, ग्रो बैग या प्लास्टिक की बाल्टी/टब का इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्रक्रिया:
- सबसे पहले गमलों में मिट्टी भर लें और उनमें एक से डेढ़ इंच का छेद करके मटर के बीज लगाएं।
- अगर आप छोटे गमले ले रहे हैं, तो एक गमले में एक ही बीज लगाएं। लेकिन, अगर आपका कंटेनर बड़ा है, तो दो बीजों के बीच में कम से कम छह इंच का फांसला रखें।
- बीज लगाने के बाद, गमलों में पानी का छिड़काव करें।
- बीज लगाने के बाद, लगभग दो हफ्ते तक आपको गमलों को ऐसी जगह रखना है, जहां सीधी धूप न आती हो।
- दो हफ्ते बाद जब पौधे बढ़ने लगें तब आप इन गमलों को धूप में रख सकते हैं।
- नियमित तौर पर जरूरत के हिसाब से पौधों में पानी देते रहें।
- साथ ही, बीज लगाने के एक महीने बाद से हर 15 दिन में गोबर खाद, केंचुआ खाद या कोई तरल खाद देते रहें।
- पौधों को बीमारी या कीटों से बचाने के लिए, महीने में एक बार नीम का तेल पानी में मिलाकर पौधों पर अच्छे से छिड़काव करें।
- मटर के पौधे बेल की तरह ऊपर बढ़ते हैं इसलिए, इन्हें सहारे की जरूरत होती है। आप गमले या कंटेनर के चारों ओर दो-तीन लकड़ी लगा दें और इनमें ऊपर की तरफ धागा बाँध दें। इससे पौधों को बढ़ने के लिए अच्छा सहारा मिलेगा।
- लगभग 35-40 दिन में मटर के पौधों पर फूल आना शुरू हो जाते हैं।
- फूलों से फलियां लगने में, और भी एक-दो हफ्तों का समय लगता है। लगभग 55 दिन बाद मटर की फलियां उगनें लगती हैं।
- लगभग 65-70 दिन बाद आप पेड़ों से मटर की कटाई कर सकते हैं।
शिरीष कहते हैं कि मटर के पेड़ से आप तीन बार तक फलियां ले सकते हैं। मटर की फलियां तैयार होने के बाद आप समय से इनकी कटाई कर लें ताकि आप दूसरी-तीसरी बार भी फलियां ले सकें। अगर आप चाहते हैं कि आपको लम्बे समय तक मटर की उपज मिलती रहे तो आप अलग-अलग गमलों में 15-15 दिन के अंतराल पर बीज बोएं।
अधिक जानकारी के लिए आप यह वीडियो देख सकते हैं!
संपादन – प्रीति महावर
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