कोरोना महामारी के कारण लोगों को घर पर रहने का काफी समय मिला है। कामकाजी लोग तो घर से भी काम कर रहे हैं लेकिन स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को काफी समय मिल रहा है, जिसमें वे बहुत कुछ कर सकते हैं। अपनी स्किल बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं, घर पर ही कोई नयी कला सीख सकते हैं या फिर अपने लिए रोजगार के साधन पर काम कर सकते हैं। इस समय का उपयोग वे अपने किसी बिज़नेस आईडिया को हकीकत में बदलने में भी कर सकते हैं। जैसा कि मुंबई की एक 19 वर्षीया कॉलेज छात्रा कर रही हैं।
संयुक्त परिवार से आने वाली 19 वर्षीया मुनजजा मोहम्मद अली इस्लाही ग्रैजुएशन कर रही हैं और इसके साथ ही, वह एक छोटा-सा व्यवसाय, ‘Munz Made‘ भी चला रही हैं। द बेटर इंडिया से बात करते हुए मुनजजा ने अपने इस सफर के बारे में विस्तार से बताया।
पॉकेट मनी हुई बंद तो आया बिज़नेस का आईडिया
मुनजजा ने बताया, “कोरोना महामारी और लॉकडाउन से पहले मैं नियमित रूप से कॉलेज जाती थी। उस समय मुझे घर से हर महीने पॉकेट मनी मिलती थी। इस कारण घर में किसी से भी पैसे नहीं मांगने पड़ते थे। लेकिन पिछले एक साल से कॉलेज बंद हैं और ऑनलाइन क्लास हो रही हैं। ऐसे में मेरी पॉकेट मनी बंद हो गयी। सच कहूं तो मुझे हमेशा से ही घर में पैसे मांगने में झिझक महसूस होती है। लॉकडाउन के कारण मुझे काफी परेशानी हो गयी।”
ऐसा नहीं है कि मुनजजा के माता-पिता उन्हें किसी चीज के लिए मना करते हैं। लेकिन मुनजजा की सोच हमेशा से यही है कि 18 साल की उम्र के बाद उन्हें अपनी छोटी-मोटी जरूरतों के लिए खुद कमाना चाहिए। काम का यह अनुभव उन्हें हमेशा आगे बढ़ने में मदद करेगा। इसलिए उन्होंने पहले कोई नौकरी करने की सोची क्योंकि उनके पास दिन में काफी समय होता है। लेकिन अभी भी वह कॉलेज छात्रा हैं और इस कारण उन्हें कोई अच्छी नौकरी नहीं मिली। ऐसे में, उन्होंने सोचा कि क्यों न वह खुद अपना कोई काम शुरू करें।
उन्होंने बचपन से ही अपनी नानी और माँ को सिलाई-कढ़ाई करते हुए देखा था। उनसे थोड़ी-बहुत सिलाई उन्होंने सीखी भी है। अपने इसी हुनर पर उन्होंने काम करना शुरू किया। वह बताती हैं, “मैंने पिछले साल जून में लॉकडाउन के दौरान ही कुछ ‘हेडबैंड’ (HeadBand) बनाए और इनकी तस्वीरें खींचकर अपने व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाया। इन तस्वीरों को देखकर मेरी एक कजिन ने इसके बारे में पूछा और अपने लिए एक हेडबैंड खरीदा भी। बस वहीं से मेरा छोटा-सा बिज़नेस शुरू हो गया। बाद में कई दोस्तों को इसके बारे में पता चला और मुझे ऑर्डर मिलने लगे।”
हर महीने कमाती हैं लगभग 6000 रुपए
मुनजजा कहती हैं कि हेडबैंड के बाद उन्होंने और भी चीजें जैसे फैंसी क्लिप, रबर बैंड, स्क्रंची (Scrunchies) आदि बनाना शुरू कर दिया। वह बताती हैं कि शुरुआत में उन्हें बहुत ही कम ऑर्डर मिलते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने काम में लगी रही। उन्होंने अपना इंस्टाग्राम पेज भी शुरू किया। इन दिनों वह हिजाब भी लोगों को उपलब्ध करा रहीं हैं। वह बताती हैं, “हिजाब एक ट्रायल की तरह था लेकिन यह ग्राहकों को बहुत पसंद आया। शुरू में, मैं अलग-अलग मैन्युफैक्चरर से हिजाब लेकर ग्राहकों तक पहुंचाती थी। लेकिन अब ग्राहकों की मांग के हिसाब से कस्टमाइज भी करती हूं।”
फिलहाल, उनका सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद, हिजाब है। क्योंकि मुनजजा लोगों के स्टाइल के हिसाब से उन्हें हिजाब उपलब्ध करा रही हैं। वह कहती हैं कि उन्हें महीने में 15 से 20 ऑर्डर मिल जाते हैं। जिनके जरिए वह महीने में पांच से छह हजार रुपए तक की कमाई कर लेती हैं। “अभी मैं छोटे लेवल पर ही काम कर रही हूं। ज्यादातर मार्केटिंग व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम से ही होती है। इंस्टाग्राम पर भी मैं बहुत ही कम पैड मार्केटिंग करती हूं। लेकिन यह सच है कि इंस्टाग्राम पर आप कम से कम इन्वेस्टमेंट में अपने बिज़नेस की मार्केटिंग कर सकते हैं। खासकर कि नई-नई शुरुआत करने वाले लोगों के लिए यह अच्छा प्लेटफार्म है,” उन्होंने कहा।
उनकी एक ग्राहक, शमा बताती हैं कि उनसे हिजाब खरीदने से पहले वह थोड़ी संदेह में थी। क्योंकि उन्हें लग रहा था कि कहीं हिजाब की क्वालिटी या रंग अलग न हो। लेकिन जब उन्हें हिजाब मिला तोयह बिल्कुल उनके मन-मुताबिक था। उनका कहना है कि वह आगे भी मुनजजा से और चीजें खरीदना चाहेंगी।
मुनजजा को ग्राहकों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में उनका यह काम और बढ़ेगा। वह बताती हैं कि अपनी कमाई में से वह एक हिस्सा अपने बिज़नेस में इन्वेस्ट करती हैं। बांकी बचे हुए पैसों में एक हिस्सा जरूरतमंदों की मदद के लिए भी जाता है। “हमारा परिवार हर महीने जरूरतमंदों के लिए ‘सदका’ देता है और अब मैं भी इसमें अपना योगदान देती हूं। इससे बड़ी ख़ुशी और कुछ नहीं हो सकती है। सबसे अच्छी बात है कि मेरा परिवार मेरे इस काम में मेरा पूरा साथ दे रहा है,” उन्होंने बताया।
हालांकि, अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद मुनजजा सामाजिक क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। लेकिन उनका कहना है कि अपने इस बिज़नेस को वह हमेशा आगे बढ़ाती रहेंगी। मुनजजा की कहानी उनके जैसे बहुत से युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। बहुत से लोग उनसे सीख सकते हैं कि कैसे अपने खाली समय को वे अपने किसी हुनर को तराशने या बिज़नेस में लगा सकते हैं। आपको जरूरत है तो बस सच्चाई से आगे बढ़ने की। साथ ही, अगर आप हिजाब या दूसरी कोई चीजें खरीदने की योजना बना रहे हैं तो एक बार मुनजजा का इंस्टाग्राम पेज जरूर चेक करें।
संपादन- जी एन झा
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