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‘जंगल हट’: धूप और बारिश के पानी से चलता है नीलगिरी की पहाड़ियों में बसा यह होमस्टे

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सालों तक चाय बागान में काम करके जमा किए पैसों से तमिल नाडु के जो और हर्मी मैथिया ने 80 के दशक में नीलगिरि की वादियों में अपना एक घर बनाने का फैसला किया। क्योंकि इस खूबसूरत जगह पर देश-विदेश से कई पर्यटक घूमने और ठहरने आते हैं, इसलिए इस कपल ने यहीं अपना टूरिज्म बिज़नेस शुरू करने का सोचा। और 1986 में, उन्होंने जंगल हट की शुरुआत की, जो प्रकृति के बीच स्थित एक खूबसूरत और सस्टेनेबल होमस्टे है।

जंगल हट की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं विक्रम  

जो और हर्मी के बेटे, 48 वर्षीय विक्रम पिछले 15 सालों से इस होमस्टे को संभाल रहे हैं। उन्होंने द बेटर इंडिया को बताया, “मेरे माता-पिता ने 1981 में यह ज़मीन खरीदी थी और वह यहाँ हमेशा से कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो पर्यावरण के अनुकूल हो।” शुरुआत में यहाँ उनके दोस्त और रिश्तेदार ठहरने आया करते, लेकिन जैसे-जैसे इस जगह के बारे में लोगों को पता चला, पूरे दक्षिण भारत से लोग जंगल हट में रुकने आने लगे। जल्द ही जो और हर्मी को इस होमस्टे को 2 कमरों से बढ़ाकर मेहमानों के लिए यहाँ 14 कमरे बनवाने पड़े। 

Anushri and Vikram Mathia
विक्रम और उनकी पत्नी अनुश्री मैथिया

पिछले 15 सालों से विक्रम और उनकी पत्नी अनुश्री मैथिया इस होमस्टे को चला रहे हैं और अपने माता-पिता के शुरू किए इस टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी बिज़नेस को आगे बढ़ा रहे हैं।

बोक्कापुरम के मासिनागुडी गांव के पास खूबसूरत नीलगिरि पहाड़ियों के बीच बसा है जंगल हट

बेहतरीन वाइल्डलाइफ वाला मुदुमलाई टाइगर रिजर्व इस होमस्टे के आस-पास है, जो बंगाल टाइगर, तेंदुआ, एशियाई हाथी, इंडियन गौर, स्लॉथ बियर, लकड़बग्घा, जंगली सूअर जैसे कई जंगली जानवरों का घर है। साथ ही यह जगह ट्रेकिंग, जंगल सफारी और बर्ड वाचिंगजैसी एक्टिविटीज़ के लिए भी बहुत बढ़िया है। जंगल हट के टेंट रूम्स में ठहरकर देश-विदेश से आने वाले मेहमान प्रकृति के बीच रहने का पूरा अनुभव ले सकते हैं।

जंगल हट के अंदर ही एक स्विमिंग पूल है और बड़े व बच्चों के लिए कई तरह के इनडोर और आउटडोर गेम्स भी यहाँ मौजूद हैं। विक्रम बताते हैं, “हमारे पास क्लासिक, प्रीमियम और डीलक्स टेंट रूम हैं, जो किसी आम लक्ज़री रेसॉर्ट से बिलकुल अलग हैं। हम सस्टेनेबल लिविंग को बढ़ावा देते हैं और जंगल हट में मेहमानों को घर में बने स्वादिष्ट खाने के स्वाद के अलावा प्रकृति से जुड़ने का मौक़ा मिलता है।”

सस्टेनेबल तरह से जीना सिखाता है यह होमस्टे 

“We offset more than 50 per cent of our normal consumption of electricity because of solar water heaters and heat pumps,” Anushri explains.
यहाँ 50% बिजली की बचत होती है।

इसके अलावा, जंगल हट में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टमऔर हर कमरे के ऊपर सोलर पैनल लगाए गए हैं।  यहाँ इस्तेमाल होने वाले सोलर वॉटर हीटर्स व हीट पंप से यहाँ लगभग 50% बिजली की बचत होती है। इस होमस्टे में कमरे मिट्टी की ईंट और लकड़ी जैसे इको-फ्रेंडली चीज़ों से बनाए गए हैं, जिससे घर गर्मियों में भी प्राकृतिक रूप से ठंडा रहता है और एसी की भी ज़रूरत नहीं पड़ती।  

सस्टेनेबल होने के अलावा आज जंगल हट भारत के गाँव में बसे लोकल ट्राइब कम्युनिटी के लोगों को रोज़गार देकर उन्हें आगे बढ़ाने का काम भी कर रहा है। 

यह भी पढ़ें- कुल्हड़ की छत और पुराने घरों की बची हुई मिट्टी से बना इको-फ्रेंडली घर

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