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इन चार इको फ्रेंडली घरों से आपको मिलेगा अपने सपनों के आशियाने का आईडिया

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प्लास्टिक का टूथब्रश हो या एक कंघी.. हम हर छोटी से बड़ी चीज़ जो इस्तेमाल करते हैं वह कहीं ना कहीं हमारे पर्यावरण से ही जुड़ी होती है। इसलिए हमे यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि हमारी चीज़ों और आदतों का पर्यावरण पर क्या असर पड़ता है। अपनी लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव लाकर हम मदर नेचर को थोड़ी राहत दे सकते हैं। पर्यावरण को बचाने के लिए देश में वेस्ट मैनेजमेंट और इको-फ्रेंडली घरों का भी चलन बढ़ा है।

ज़्यादा से ज़्यादा पेड़-पौधे लगाने, सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने, ऑर्गेनिक फल-सब्ज़ियां उगाने और खाने के अलावा हम प्रकृति के बीच, सादगी से रहकर सस्टेनेबल लिविंग अपना सकते हैं।

यह तरीका  पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज पर होने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है। इसी की मिसाल हैं मिट्टी, बांस, जड़ी-बूटी, रीसाइकल्ड लड़की और ऐसी कई प्राकृतिक चीज़ों से बने ये 4 इको-फ्रेंडली घर!

1. सर्किल, गोवा

स्पाइरो स्पेरो के डिज़ाइन किए गए सर्किल होम में दरवाज़े-खिड़की से लेकर फर्नीचर तक, सब कुछ रीसाइकल्ड लकड़ी बने हैं। यह घर वॉटर रीसाइक्लिंग, सोलर पॉवर और वेस्ट मैनेजमेंट के सिद्धांतों पर चलता है।

शहर में बसे होने के बावजूद, सर्किल हरियाली और प्रकृति से घिरा हुआ है। गोवा आने वाले पर्यटक इस घर में ठहरकर अलग सुकून का अनुभव कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यहाँ ज़रा भी सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होता और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए किचन से निकलने वाले कचरे को खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है। 

Inside of Circle, Goa
सर्किल, गोवा

2. डिज़ाइनर्स डेन, गुरुग्राम

सिटीस्पेस82 के फाउंडर सुमित धवन का डिज़ाइन किया हुआ गुरुग्राम का यह घर ग्रीन एरिया कहलाता है और यहाँ की मेंटेनेंस में भी ज़्यादा समय और खर्चा नहीं होता। 2,700 स्क्वायर फुट की ज़मीन पर बसा डिज़ाइनर्स डेन इस तरह बनाया गया है जिससे यहाँ ज़्यादा से ज़्यादा प्राकृतिक रौशनी आती है। शहर के बीचो-बीच होने के बावजूद पेड़-पौधों से घिरा यह घर प्रकृति के बीच रहने का अनुभव देता है। 

3. मड हाउस, राजस्थान

मुंबई की डिज़ाइनर शिप्रा सिंघानिया ने यह घर बिना सरिया और सीमेंट के बनाया है। मिट्टी, गुड़, नीम, मेथी जैसी जड़ी-बूटियों और कई तरह के वेस्ट मटेरियल से इस घर को तैयार किया गया है। अपने अनोखे आर्किटेक्चर की वजह से सर्दियों में यहाँ अच्छी धूप और गर्मी के मौसम में ताज़ा ठंडी हवा आती है, जिससे घर का तापमान हमेशा अनुकूल रहता है।

185 स्क्वायर फीट के क्षेत्र में फैले इस घर के दरवाज़े एक तरफ सुंदर वेजिटेबल गार्डन, तो दूसरी तरफ एक बड़े हरे-भरे लॉन में खुलते हैं। इसके अलावा, इस घर के फर्नीचर व बाकी इंटीरियर भी लोकल कारीगरी की खूबसूरती को दर्शाते हैं। यहाँ हाथ से बने लैंप और बेड की जगह पारम्परिक खाट मौजूद हैं; जो इस घर को सस्टेनेबिलिटी, पारम्परिक आर्किटेक्चर और लोकल कारीगरी का एक दुर्लभ नमूना बनाते हैं।

4. मिट्टी का घर, केरल

Shukoor Manapat from Kerala built an eco-friendly mud house.
केरल के शुकूर मनपत का बनाया इको-फ्रेंडली मिट्टी का घर

आर्किटेक्ट शुकूर मानपट ने अपने इस घर को  पुरानी टूटी टाइल्स, रीसाइकल्ड चीज़ों और मिट्टी से बनाया है। यहाँ पुताई के लिए चूना और पेड़ का गोंद, और दीवारों को दीमक से बचाने के लिए मेथी के दानों व टर्मिनलिया चेबुला का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने स्टेबलाइज़्ड कम्प्रेस्ड इंटरलॉकिंग अर्थ ब्लॉक (SCEB) तकनीक से अपना यह घर बनाया है। यहाँ का पिच्ड रूफ़ स्ट्रक्चर बारिश के पानी को छत पर नहीं ठहरने देता। 

यह भी पढ़ें- ‘जंगल हट’: धूप और बारिश के पानी से चलता है नीलगिरी की पहाड़ियों में बसा यह होमस्टे

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