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प्लास्टिक की 4000 बोतलों और मिट्टी से बना है यह सस्टेनेबल घर

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साल 2020 में सस्टेनेबल बिल्डिंग्स बनाने वाले अवार्ड-विनिंग आर्किटेक्चरल फर्म ‘वॉलमेकर्स’ के आर्किटेक्ट वीनू डेनियल को एक सबसे अलग और अनोखा प्रोजेक्ट मिला। तमिलनाडु के रहने वाले एक फार्मलैंड प्लॉट ‘सैंक्विटी फर्मे’ के मालिक अपनी ज़मीन पर एक ऐसा घर बनाना चाहते थे जो प्रकृति के बीच हो और लोगों को आकर्षित करे। 

वीनू बताते हैं, “तमिलनाडु के शूलागिरि गाँव में स्थित यह ज़मीन चट्टानों और झाड़ियों से घिरी हुई थी। कोई सोच भी नहीं सकता था कि यहाँ एक घर भी बनाया जा सकता है। यह काम हमारे लिए भी चुनौतीपूर्ण था।”

जो बाकियों के लिए नामुमकिन था, वीनू ने उसे एक चुनौती की तरह लिया और इसी जगह एक शानदार दिखने वाला सस्टेनेबल घर बना दिया। 

प्रकृति का ही हिस्सा है यह सस्टेनेबल घर

उन्होंने प्रकृति को बिना नुकसान पहुंचाए, यहाँ 2122 स्कॉयर फ़ीट के क्षेत्र में इस अनोखे घर ‘चूज़ही’ का निर्माण किया। दो कमरों वाले इस घर को इस तरह बनाया गया है कि यह आस-पास स्थित पेड़ों का ही हिस्सा नज़र आता है। किसी भी पेड़ को काटना न पड़े इसके लिए वीनू और उनकी टीम ने इसे पेड़ों के हिसाब से डिज़ाइन किया है। उन्हें कई बार आखिरी समय में डिज़ाइन को बदलना भी पड़ा, ताकि घर किसी पेड़ या पत्थर के बीच में न आए और प्रकृति पर इसका कोई असर न पड़े। 

The spiral ceiling at Chuzhi is made with plastic bottle beams stacked with earth,
इस सस्टेनेबल घर की छत प्लास्टिक की बोतलों के बीम से बनाई गई है

इस घर की छत सबसे अलग और घुमावदार है और इसे कचरे से इकट्ठा की गई प्लास्टिक की 4000 बोतलों से बनाया गया है। और यही चूज़ही की सबसे बड़ी खासियत भी है। 

कमाल का आर्किटेक्चर!

मलयालम में ‘चूज़ही’ का अर्थ होता है ‘घुमावदार’, जैसा कि इस घर का लुक भी है। इसकी शीशे से बनी छत यहाँ रहने वालों को प्रकृति के और भी ज़्यादा करीब होने का अनुभव कराती है। इसके नीचे बैठकर आसमान में टिमटिमाते हज़ारों सितारों को निहारा जा सकता है। यह घर खूबसूरत होने के साथ-साथ काफ़ी सुकून देने वाला भी है। 

आर्किटेक्चर के मामले में इस घर का कोई जवाब नहीं! दीवारों से शुरू हुई घुमावदार छत से जोड़कर ही इस घर के फर्नीचर को भी बनाया गया है। ये फर्नीचर पेड़ों से सटे हुए हैं, और यहाँ बैठकर ऐसा लगता है मानो कोई पेड़ की छाँव में बैठा हो। बेहतर वेंटिलेशन के लिए यहाँ स्टील की जालियां लगाई गई हैं।

पत्थर के बने यूनीक बेड, मिट्टी की दीवारें, पुरानी लकड़ी से बना फ़र्श और आस-पास की हरियाली इस घर को पर्यावरण के अनुकूल बनाते हैं। इन मटेरियल्स की वजह से हर मौसम में घर का तापमान भी संतुलित रहता है।

यह भी पढ़ें- लोगों ने जिन्हें कहा भंगारवाली, प्लास्टिक बोतलें इकट्ठा कर उन्होंने बना डाला ईको-फ्रेंडली घर

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