“मैं नैना मेनन एक इंजीनियर, एक राइटर, एक लेखक, एक फिटनेस ट्रेनर, एक पायलट और सबसे ऊपर एक Proud Trans Woman!”
अपने आप को पहचानने से लेकर खुद की पहचान बनाने तक एक लम्बा सफर तय किया है, नैना मेनन ने स्कूल और कॉलेज में जो नैना यह सोचा करती थी कि वह दूसरों से अलग क्यों है?
उसी नैना ने साबित करके बता दिया है कि सिर्फ एक ट्रांसवुमन होना उनकी पहचान नहीं हैं। बचपन से ही एक Doubt उनके दिमाग में था कि वह दूसरों लड़को से अलग क्यों हैं उस दौरान उन्हें डॉल्स से खेलना पसंद होता था, साड़ीयां पहनना बहुत पसंद होता था। ये सब डाउट लेकर जब वह कॉलेज गयी
तब तक उनको ऐसा ही लगता था कि शायद उनमें ही कोई दिक्क्त होगी। लेकिन वहां कॉलेज गयी तो उनकी पहचान सोशल मीडिया से हुई। तब उन्हें पता चला कि वह अकेली नहीं हैं उनके जैसे कई लोग हैं, जो अपनी Gender Identity से जूझ रहे हैं।
नैना को जल्द ही समझ में आ गया था कि बदलाव सिर्फ शिक्षा से आ सकता है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई और फिर नौकरी हासिल करके जब वह आत्मनिर्भर बनी तब उन्होंने अपने सपनों को जीना शुरू किया, एक महिला की तरह रहना शुरू किया।
उस दौरान परिवार और दोस्तों का का साथ छूट गया अकेलेपन और हताशा का सामना भी किया लेकिन टूटी नहीं! आख़िरकार उन्होंने Transition करने
और समाज के डर से अपनी पहचान छुपाते लाखों लोगों की आवाज बनने रास्ता चुना। उन्होंने LGBTQ समुदाय से जुड़कर ट्रांसवुमन को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया और जागरूकता लाने के लिए लेखन का सहारा लिया। लेकिन इतना करके भी वह रुकी नहीं और आज नैना देश की पहली ट्रांसवुमन
पायलट बनकर कईयों के लिए उदाहरण बन गयी हैं। सच बदलाव लाने के लिए खुद को मजबूत बनाना जरूरी है और नैना की कहानी इसका सच्चा सबुत है।
आशा है आपको भी मिली होगी नैना की कहानी से प्रेरणा।
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