केरल में बाढ़ के दौरान मछुआरे, स्वयंसेवकों, सज्जन पुरुषों और भारतीय सुरक्षा बलों ने साथ मिलकर राहत-बचाव कार्य किया। जिसमें एनडीआरएफ, आईएएस और आईपीएस अफसरों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी ने अलग-अलग होकर भी साथ में काम किया।
और द बेटर इंडिया ने भी आपको हर एक अनसुने व अनजाने हीरो की कहानी बताई है, चाहे फिर वह एक लड़की का अपनी सारी बचत केरल के लिए दान कर देना हो या फिर एक आर्मी अफसर का छुट्टी पर होते हुए भी चेंगन्नूर में फंसे हज़ारों लोगों को बाहर निकालना।
इन सभी सैंकड़ों हीरो, व हज़ारों स्वयंसेवकों के बीच एक कन्नन गोपीनाथन भी हैं। जिन्होंने दिन-रात लोगों की मदद की। पर फिर भी इनके बारे में ज्यादा लोग नहीं जान पाए।
कन्नन गोपीनाथन, जो कि दादरा और नगर हवेली के कलेक्टर हैं और जिन्होंने केरल में राहत-बचाव कार्य भी किया – लेकिन बिना अपनी पहचान बताये।
गोपीनाथन कोट्टायम से हैं और जब उन्हें केरल की बाढ़ का पता चला तो उन्हें समझ में आ गया कि उन्हें क्या करना है।
सबसे पहले उन्होंने दादरा और नगर हवेली की तरफ से केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष शिविर में एक करोड़ रूपये की मदद राशि दान की। जिसके बाद वे छुट्टी लेकर केरल आ गए ताकि लोगों की मदद कर सकें।
सबसे पहले वे पथनमतिट्टा पहुंचे और वहां जाकर स्वयंसेवा की इच्छा व्यक्त की। कैंप कॉर्डिनेटर ने भी बिना हिचके कहा, “अपना बैग साइड में रखकर जितना जल्दी हो सके काम शुरू करो।”
बिना किसी शो-बाजी और दिखावे के यह आईएएस अफसर बस एक स्वयंसेवक था जिसे अपने लोगों की मदद करनी थी। बाकी सभी की तरह ही उन्होंने भी सुबह से शाम तक बिना थके काम किया।
पथनमतिट्टा से वे अल्लपुज़हा पहुंचें जहां हालात सबसे ख़राब थे। यहीं पर केरल के फाइनेंस मिनिस्टर और ज़िले के सब-कलेक्टर ने ऐतिहासिक बचाव कार्य किया था। यहां लगभग 3 लाख लोग राहत शिविरों में थे और गोपीनाथन तुरंत लोगों की मदद में जुट गए।
जिसके बाद वे एर्नाकुलम गए और बचाव कार्य में मदद की। केरल में पुरे समय गोपीनाथन अपनी सोशल मीडिया पर अपडेट कर रहे थे। उनकी कुछ पोस्ट लोगों द्वारा किये जा रहे बचाव कार्यों की थी तो कुछ मस्ती भरी भी थीं। जैसे उन्होंने लोकल बस में सफर करते हुए एक पोस्ट डाली।
Used to the comforts of private travel, I asked,
Chetta.. Can I get an auto from here?
Why auto? Take the bus, it’s 10 rs & hardly a KM walk.
Couldn’t refuse that advice.
Public transport & walk!
Why do I forget it every few months.#detoxification pic.twitter.com/2F1wc0UZuD
— Kannan (@naukarshah) August 27, 2018
कन्नन गोपीनाथन उन चंद अनसुने नायकों में से हैं जो सभी के लिए प्रेरणा हैं।
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