Quantcast
Channel: The Better India – Hindi
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3559

‘स्प्रेडिंग स्माइल्स’के जरिये डॉ. वाकनिस लौटा रहे हैं क्लेफ्ट से पीड़ित बच्चों की मुस्कान!

$
0
0

क्सर डॉक्टर अपनी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में मरीजों का निरिक्षण कर उनकी बीमारी का पता लगाते हैं और फिर उनका उपचार करते हैं। लेकिन कुछ डॉक्टर पुष्कर वाकनिस जैसे भी होते हैं जो अपने मरीजों के इलाज के लिए किसी भी हद तक जाते हैं। यहाँ तक कि वे सुनिश्चित करते हैं कि जो भी बच्चे उनके पास इलाज़ के लिए आते हैं उनका ऑपरेशन मुफ्त हो, क्योंकि वे मानते हैं कि छोटी उम्र में कोई भी इलाज़ हो, वह उनके बेहतर भविष्य के लिए होना चाहिए।

डॉ. वाकनिस पुणे के एक मैक्सिलोफेशियल सर्जन हैं। ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी चेहरे, जबड़े और फेशिअल टिश्यू आदि से सम्बन्धित बिमारियों के इलाज के लिए होती हैं।

अपने प्रोफेसर डॉ. पीटर केसलर से प्रभावित डॉ वाकनिस ने अपने पास आने वाले बच्चों का क्लेफ्ट का ऑपरेशन मुफ्त में करना शुरू किया। बस इस विश्वास के साथ कि एक बेहतर आज ही एक बेहतर कल की नींव रखेगा।

फोटो सोर्स 

 

क्लेफ्ट का मतलब है हमारे होंठ या फिर पलैट (तालू) या फिर दोनों में एक विकृति होना, जिसकी वजह से यहाँ की मांसपेशियां पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती हैं और बोलने में व खाने में समस्या हो सकती है।

डॉ. वाकनिस ने साल 2009 नीदरलैंड्स के मास्ट्रिच विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। उसी समय उनके दिमाग में यह योजना आई कि किसी भी तरह से बच्चों के क्लेफ्ट का ऑपरेशन फ्री किया जाना चाहिए। लेकिन इसके दो साल बाद तक वे इस पर कोई काम नहीं कर पाए क्योंकि उन्हें ऐसा कोई हॉस्पिटल या फिर डॉक्टर नहीं मिला जो उनके इस प्रोग्राम में मदद करे।

“साल 2011 में मैं एक आर्थोपेडिक सर्जन डॉ नीरज अड़कर से मिला, जिन्होंने पुणे में साईंश्री अस्पताल शुरू किया था। उन्होंने इस प्रोग्राम में रूचि दिखाई और साल 2012 में यह शुरू हुआ, जिसे डॉ नीरज ने ‘स्प्रेडिंग स्माइल्स’ नाम दिया,” डॉ वाकनिस ने बताया।

जो पहल कभी एक डॉक्टर के जूनून के रूप में शुरू हुई, आज उसे एक अस्पताल और एक टीम का समर्थन मिल रहा है और ये सभी लोग बच्चों के लिए मुस्कान लाने का काम कर रहे हैं।

डॉ वाकनिस(सबसे दायें) की टीम

डॉ वाकनिस ने बताया, “डॉ तृप्ति परे ने ऑपरेशन के दौरान अन्सथिशिया देने का मुश्किल काम करने का निर्णय लिया। इसके बाद सबसे ज़रूरी  काम था एक ऐसा साथी डॉक्टर ढूँढना जो कि मेरी टीम के साथ काम कर सके। इसलिए मैंने इस प्रोजेक्ट में भागीदार बनने के लिए अपने पूर्व छात्र डॉ. सम्राट सभ्लोक को बुलाया। इससे हमने सुनिश्चित किया कि हम में से कोई न कोई हमेशा बच्चों के इलाज के दौरान उनके साथ रहे।”

हर साल वे 25 से 40 बच्चों का ऑपरेशन करते हैं। डॉ वाकनिस कहते हैं कि उनके मरीजों से मिलने वाली सकारात्मक प्रतिक्रिया से उन्हें संतुष्टि मिलती है।

साल 2013 में उन्हें परसिस्टेंट फाउंडेशन सम्मान अवार्ड से भी नवाजा गया था। उनकी सबसे प्यारी याद कोंकण के रोहा से आई एक लड़की की है, जिसका नाम श्रीशा दिवेकर था और वह ‘स्प्रेडिंग स्माइल्स’ का चेहरा बन गयी।

वैसे तो समय-समय पर उन्हें डोनेशन आदि मिलने से वे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को उनकी मुस्कान लौटा पा रहे हैं। लेकिन मुश्किलें अभी भी है। पर डॉ वाकनिस और उनकी टीम बिना रुके बस इन बच्चों के चेहरों पर स्माइल बाँट रही है।

संपादन – मानबी कटोच


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।

The post ‘स्प्रेडिंग स्माइल्स’ के जरिये डॉ. वाकनिस लौटा रहे हैं क्लेफ्ट से पीड़ित बच्चों की मुस्कान! appeared first on The Better India - Hindi.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 3559

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>