यूजीसी के नए अधिनियम के अंतर्गत अब पुरुष छात्र अपने ऊपर हुए यौन उत्पीडन के मामले दर्ज करा सकते है।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने एक नया अधिनियम जारी किया है। यूजीसी की (प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन, एंड रिड्रेसल ऑफ सेक्शुअल हैरेस्मेंट ऑफ विमेन एम्प्लॉईज़ एंड स्टूडेंट्स इन हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन), अधिनियम, मई २०१६ के अनुसार यौन उत्पीड़न जेंडर न्यूट्रल है। शिक्षण संस्थानों को अब सभी लिंगों की शिकायतों पर कार्रवाई करनी होगी।
यूजीसी के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले कुछ सालों में पुरुष छात्रों के उत्पीड़न के कई मामले सामने आए थे। २००७ में दिल्ली युनिवर्सिटी के दो छात्रों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी।
अधिनियम में थर्ड पार्टी कम्प्लेन का भी प्रावधान है। अगर, पीड़ित शिकायत दर्ज करने के लिए शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम है तो उसकी तरफ से कोई और शिकायत कर सकता है।
पीड़ित की तरफ से अपराध होने के तीन महीने के भीतर शिकायत दर्ज होनी चाहिए। शारीरिक और मानसिक रूप से आपराध के बारे में बताने में अक्षम होने की स्थिति में समय सीमा की छूट रहेगी। सभी शिक्षण संस्थानों को आंतरिक शिकायत समिति बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें ऐसे मामलों की जांच ९० दिनों में निबटा देनी होगी।
दोषी छात्रों को संस्थान से रेस्टिकेट कर दिया जाएगा। अगर कोई शिक्षक या कर्मचारी दोषी पाया गय़ा तो उनकी सर्विस रूल के हिसाब से उनपर कार्रवाई की जाएगी। झूठी शिकायत दर्ज कराने पर जुर्माना भी देना होगा।
यह पहल पीड़ित पुरुष छात्रों के लिए एक राहत की सांस लेकर आई है और इससे देश में स्त्री पुरुष समानता की एक और नींव रखी जाएगी!
मूल लेख – तान्या सिंह द्वारा लिखित
यदि आपको ये कहानी पसंद आई हो या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें contact@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter (@thebetterindia) पर संपर्क करे।
The post पुरुष छात्र भी अब दर्ज करा सकते हैं अपने पर हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत । appeared first on The Better India in Hindi.