नौकरी छोड़, दिव्यांग किसान ने शुरू की मशरूम की खेती, मुनाफे के साथ मिले कई...
कुछ अलग करने की चाह इंसान को हमेशा नई उर्जा से भरकर रखती है। आज की कहानी भी ऐसे ही एक व्यक्ति की है जिन्होनें अपनी नौकरी छोड़कर खेती-किसानी की ओर रुख किया। कर्नाटक के मांड्या के रहने वाले जे. रामकृष्ण...
View Articleकिचन और बाथरूम में इस्तेमाल हो चुके पानी से ऐसे कर सकते हैं बागवानी!
चेन्नई के रहनेवाले 82 वर्षीय इंदुकांत रागडे एक पर्यावरणविद् हैं। जब हमने उनसे बगीचे के पौधों के लिए ग्रे-वाटर ट्रीटमेंट के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने हमें बीच में ही ये कहते हुए रोक दिया कि ऐसी...
View Article100 से लेकर डेढ़ लाख तक: जानिए कैसे धरती को बचाने में जुटे हैं ये पर्यावरण...
‘सांसे हो रही कम, आओ पेड़ लगाएं हम,’ जैसे स्लोगन आपको अक्सर सुनने को मिल ही जाते हैं। खास तौर पर सोशल मीडिया पर आए दिन आपको कुछ न कुछ प्रकृति और पर्यावरण से संबंधित दिखता रहता है। लेकिन आज की ज़रूरत है...
View Articleपारले-जी: कैसे एक स्वदेशी आंदोलन से भारत को मिला इसका सबसे पॉपुलर बिस्किट!
पारले-जी का नाम आते ही बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं। उन दिनों हम गर्म दूध के कप में पारले-जी को डुबोकर झट से मुँह में डाल लेते थे ताकि बिस्किट टूटकर फिर से दूध में न गिर जाए। भारत में चाय के साथ सबसे...
View Article20 साल की उम्र में घायल सांड को बचाने से की शुरुआत, आज हज़ारों बेज़ुबानों की कर...
भागलपुर के सिटी कॉलेज से ग्रैजुएशन करने वाले दीपक साह ने पक्षी विज्ञान में कोई शोध नहीं किया है, लेकिन उनका काम पक्षियों, वन्य जीवों के लिए प्रेम की एक अनोखी मिसाल है। वह जब 20 वर्ष के थे तो एक घायल...
View Articleकटहल से लेकर नारियल तक, 41 प्रकार के पेड़-पौधे हैं मुंबई की इस सोसाइटी के भीतर!
आम के पेड़ों पर कोयल गा रही हैं, हवा में हर तरफ ताजे उगे हुए फलों की मीठी खुशबू बिखरी हुई है, पेड़ कटहल से भरे हैं, नारियल का पानी गर्मी को हराने के लिए तैयार है। इतना ही नहीं, तुलसी, गिलोय (टीनोस्पोरा...
View Article#DIY: घर पर बनाएं गोबर की लकड़ी और पेड़ों को कटने से बचाएं!
पिछले कुछ सालों में भारत के किसानों ने न सिर्फ खेती-बाड़ी और दूध की डेयरी से बल्कि पशुओं के गोबर से भी पैसे कमाने के तरीके ईजाद किए हैं। गोबर के गमले बनाने से लेकर उत्तम खाद बनाने तक, हर संभव प्रयोग से...
View Articleभारत में इन्होनें सबसे पहले किया था हिंगलिश का प्रयोग, बंगाल नवजागरण की रखी...
आजकल हम लोग आम बोलचाल की भाषा में सिर्फ किसी एक ही भाषा का प्रयोग नहीं करते बल्कि अन्य भाषाओं के शब्द भी इस्तेमाल करते हैं। अधिकतर हिन्दी भाषी क्षेत्रों में हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेज़ी के भी कई शब्द...
View ArticleSBI SO Recruitment 2020: 400 वेकैंसी, 99 लाख तक वेतन, चयन के लिए कोई परीक्षा...
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने प्रबंधकीय से लेकर कार्यकारी पदों पर 400 से अधिक स्पेशलिस्ट कैडर अधिकारियों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं । विभिन्न शैक्षिक योग्यता और कार्य अनुभव वाले उम्मीदवार...
View Articleजर्नलिज़्म को किया अलविदा, अब हिमाचल के कस्बों का स्वाद पहुँचातीं हैं पूरे...
गौतमी ने जर्नलिज़्म को अलविदा कहा, दिल्ली से बोरिया बिस्तर समेटा और पहुँच गई वापस हिमाचल। अपनी उन्हीं जड़ों में, पहाड़ों की उसी गोद में जहाँ से उसका सफर शुरू हुआ था। लेकिन इस बार शिमला लौटना वैसा नहीं...
View Articleशान-ए-अवध कहलाती हैं किवामी सेवइयाँ, जानिए रोचक इतिहास और रेसिपी भी!
ईद के दिन तरह-तरह के पकवान बनते हैं, खाने की ख़ुशबू से गली-मोहल्लों और बाज़ारों में खूब रौनक होती है। ईद का चाँद नज़र आते ही लोग एक दूसरे को बधाईयाँ देते हैं और फिर लग जाते हैं ईद की दावत की तैयारी...
View Article#गार्डनगिरी: घर से लेकर लाइब्रेरी तक, पौधों की दुनिया बसा रही हैं सना ज़ैदी!
“हमारे घर में 17 साल पुराना एक नीम का पेड़ है, जिसे मैंने ही लगाया था। मैं जब भी उसे देखती हूँ तो बहुत ख़ुशी होती है। अच्छा लगता है कि जिस नन्हे से पौधे को मैंने सींचा, आज वह बड़ा होकर छाँव दे रहा है। उसे...
View Article83 साल की ‘सब्ज़ीवाली दादी’का कमाल, दो गांवों के हर एक घर में लगवा दिया किचन...
जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट लेकर आराम करते हुए अपनी ज़िंदगी गुज़ारने की ख्वाहिश करते हैं, उस उम्र में तमिलनाडु की एक बुजुर्ग महिला लोगों को आत्मनिर्भरता के गुर सिखा रही हैं। 83 वर्षीय नंजाम्मल न सिर्फ...
View Articleकुक से नेचर गाइड बने तौकीर समझते हैं पक्षियों की जुबां, कर रहे प्रकृति का...
तौकीर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस यानी आईआईएस बेंगलुरू की टीम के साथ एक कुक के तौर पर जुड़े थे, लेकिन पक्षियों में उनकी दिलचस्पी ने उनका जीवन बदल दिया। चिड़ियों की उनकी जानकारी किसी भी पक्षी विशेषज्ञ...
View Articleजुगाड़: घर में बेकार पड़ी चीज़ों से रिटायर फौजी ने बना दी घास काटने वाली मशीन!
“फौजी आदमी हर काम में माहिर होता है। काम छोटा हो या बड़ा, हम उसे अपने हिसाब से करने का तरीका निकाल ही लेते हैं। क्या करें, हमारी ट्रेनिंग ही कुछ ऐसी होती है कि साधनों के अभाव में कैसे अपने साधन जुटा कर...
View Articleअपनी फ्रूट कंपनी की मदद से बागवानों को उनके सेब का उचित दाम दिलवा रहे हैं 18...
सेब की खरीद-फरोख्त के काम को बड़ा ही जोखिम भरा और पेचीदा माना जाता है, इसलिए इस काम में बहुत ही कम लोग लंबे समय तक टिक पाते हैं। चूँकि इस काम में बागवानों की पूरे सालभर की मेहनत की आमदनी दाँव पर लगी...
View Article40% कम खर्चे में बने कर्नाटक के इस इको-फ्रेंडली घर में नहीं पड़ती है एसी की...
इमारतों को डिजाइन करते समय पर्यावरण का ध्यान रखना हमेशा ही जितेंद्र पी. नायक की पहली प्राथमिकता रही है। हुबली के रहने वाले जितेन्द्र पेशे से एक आर्किटेक्ट हैं और पिछले 24 वर्षों से अपने काम में...
View Articleवैश्विक महामारी पार्ट 4: बीती शताब्दियों की महामारियों का सबक!
सदियों से प्लेग, हैजा, खसरा, चेचक, फ्लू जैसी महामारियों के संकट यूरोप समेत अनेक महाद्वीपों ने झेले हैं। लेकिन हैरत की बात है कि इटली लगभग हर महामारी की गिरफ्त में आता रहा है। इसकी एक बड़ी वजह इसका...
View Articleकिसानों के खेतों में मुफ्त में फलों के पेड़ लगा रहे हैं विनोद और उनके साथी!
“एक औरत अपने बच्चे को लेकर गाँधीजी के पास आई और उनसे कहा, ‘आप इसे चीनी खाने के लिए मना करें और कहें कि चीनी खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। गाँधी जी ने उसे कहा कि वह एक हफ्ते बाद आएं। वह औरत फिर अपने...
View Articleइस भारतीय फिल्म में पहली बार चली थी सेंसर की कैंची, स्वदेसी कैमरे से बनी थी...
भारत के अग्रणी फिल्म निर्माताओं में से एक महत्वपूर्ण नाम है बाबूराव कृष्णराव मिस्त्री उर्फ़ बाबूराव पेंटर का। बाबूराव का जन्म 1890 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। फिल्म उद्योग में आने के बाद जब...
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