मधुबाला : सिर्फ़ 36 साल की ज़िंदगी की वो सुनहरी यादें!
14 फरवरी, ‘वेलेंटाईन डे’ को दुनिया भर में प्रेम और मोहब्बत का दिन माना जाता है। भारत जैसे देश में जहाँ अक्सर प्यार करने वालों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है- वहाँ प्यार का यह दिन हमारी...
View Article‘झाँसी की रानी’को जन-मानस तक पहुँचाने वाली सुभद्रा!
“चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी। बुंदेले हरबोलों के मुँह, हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥” इन पंक्तियों ने पूरे संसार में न सिर्फ़ ‘झाँसी की रानी’ की गाथा को,...
View Articleयुद्ध, अहिंसा, और सोशल मीडिया के बहादुर!
हँसती खेलती गली, गुलाबी सर्दी में नर्म सूरज के नग़्मे गाती एक दोपहर, आँगन में खाट पर पड़े अलसाते पिता, गेंहू पछोड़ती माँ, रेडिओ पर अपने कमरे में ठुमके सुधारती बहन – फ़ोन की घण्टी बजती है और बेटे/ भाई के...
View Articleएक दक्षिण अफ्रीकी पायलट और युवा जेआरडी टाटा की सोच का परिणाम है भारत का...
जब भी हम भारत के एविएशन सेक्टर की बात करते हैं, तो सबसे पहला नाम हमारे दिमाग में आता है, वह है जे. आर. डी टाटा का। साल 1932 में शुरू की गई उनकी टाटा एयर सर्विसेज, देश भर में डाक और यात्रियों को ले जाने...
View Articleअपने सस्ते और असरदार आविष्कारों से लाखों किसानों को आत्मनिर्भर बना रहा है 20...
चीर के ज़मीन को उम्मीद से बोता हूँ!! किसान का बेटा हूँ, चैन से सोता हूँ !! यह कहना है बी.ए तृतीय वर्ष के छात्र नारायण लाल धाकड़ का। राजस्थान के चितौरगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव, जयसिंहपूरा के निवासी 20...
View Articleबिहार: 14 साल की उम्र में बनाई ‘फोल्डिंग साइकिल,’अपने इनोवेशन से दी पोलियो को...
आज टेक्नोलॉजी कहाँ से कहाँ पहुँच गयी है फिर भी हमारे देश में दिव्यांगों को बाहर निकलना हो तो बहुत-सी समस्याओं से गुज़रना पड़ता है। आये दिन, इस बात पर चर्चा होती है कि आख़िर कैसे हम देश को दिव्यांगो के...
View Articleजब शिवाजी महाराज की सुरक्षा के लिए एक नाई ने दी अपने प्राणों की आहुति!
हमारे देश में हर साल 19 फरवरी को मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है। उनके स्वराज्य का दृष्टिकोण था कि राष्ट्र पर अपने लोगों का स्वशासन हो और वह भी बिना किसी बाहरी देश या राजनितिक...
View Articleहिमाचल प्रदेश : जो गाँववाले अस्पताल तक नहीं पहुँच सकते, उनके घर तक पहुँच रहा...
देश में एक बड़ी समस्या यह है कि मरीज विभिन्न कारणों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं पहुंच पाते। प्राथमिक केंद्र का घर से दूर होना या मरीज़ों का उम्रदराज़ होने की वजह से केंद्र तक नहीं पहुँच पाना आदि...
View Articleभारत का ‘रोनाल्डो’जरनैल सिंह, जिसने 6 टांके लगने के बाद भी दिलवायी भारत को...
साल 1962 और जकार्ता में चल रहे एशियाई खेलों में फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल मैच। इस मैच में आमने-सामने थे, साउथ कोरिया और भारत। साउथ कोरिया की फुटबॉल टीम, विश्व की सबसे बहतरीन फुटबॉल टीमों में से एक थी।...
View Articleअनार की आधुनिक खेती कर बदली लोगों की सोच, पद्म श्री विजेता है गुजरात का यह...
साल 2017 में पद्म श्री से विभूषित होने वाले नामों में, दीपा कर्माकर, विराट कोहली और संजीव कपूर जैसे जाने-माने लोगों के अलावा एक ऐसा भी नाम था, जिसे शायद ही किसी ने सुना होगा। यह नाम था गुजरात के...
View Articleअपने कश्मीर को दोबारा ‘जन्नत’बनाना चाहती हैं, डल झील की सफ़ाई में लगी 6-साल की...
अगर फ़िरदौस बर-रू-ए-ज़मीं अस्त; हमीं अस्त ओ हमीं अस्त ओ हमीं अस्त !! -‘गुल-ए-परेशान’ किताब से (पेज – 271) (अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं) कहते है 17वीं सदी में जब मुग़ल बादशाह...
View Articleबदलाव : कभी भीख मांगकर करते थे गुज़ारा, आज साथ मिलकर किया गोमती नदी को 1 टन...
10 फरवरी 2019, रविवार की सुबह, स्वयंसेवकों के एक समूह ने उत्तर-प्रदेश के लखनऊ में गोमती नदी के घाट की साफ़-सफाई की और वहाँ जमा हुए प्लास्टिक के ढेर को हटाया। हालांकि, इस तरह से सफाई की पहल कोई नई बात...
View Articleभारतीय वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में ढूंढ निकाला ‘ब्लड कैंसर’का इलाज!
भारतीय वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में ऐसी कवक प्रजातियों (फंगस) की खोज की है, जिनसे रक्त कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाले एंजाइम का उत्पादन किया जा सकता है। वैज्ञानिकों को कुछ विशिष्ट अंटार्कटिक फंगस...
View Articleतिलका मांझी: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला स्वतंत्रता सेनानी!
साल 1857 में मंगल पांडे की बन्दुक से निकली गोली ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ़ विद्रोह का आगाज़ किया। इस विद्रोह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला विद्रोह माना जाता है और मंगल पांडे को प्रथम क्रांतिकारी।...
View Article‘कोशिश करने वालों की हार नहीं होती’ : बच्चन भी जिनकी कविताओं के थे कायल!
“लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती” अगर कोई हम से इन पंक्तियों के रचियेता का नाम पूछे, तो हम कहेंगे, हरिवंश राय बच्चन। बहुत जगह यह कविता बच्चन जी के नाम से के साथ ही...
View Articleबंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय : जिसने एक भाषा, एक साहित्य और एक राष्ट्र की रचना की!
वन्दे मातरम्! सुजलां सुफलां मलयजशीतलां शस्यश्यामलां मातरम्! शुभ-ज्योत्सना-पुलकित-यामिनीम् फुल्ल-कुसुमित-द्रमुदल शोभिनीम् सुहासिनी सुमधुर भाषिणीम् सुखदां वरदां मातरम्! सन्तकोटिकंठ-कलकल-निनादकराले...
View Articleट्रेन से गिरकर घायल हुए यात्री को 1.5 किमी दौड़ते हुए इस सुरक्षा-कर्मी ने...
बीते शनिवार, 23 फरवरी 2019 को मध्य-प्रदेश में एक यात्री चलती ट्रेन से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। ऐसे में मध्य-प्रदेश पुलिस के एक कॉन्सटेबल, पूनम चंद्र बिल्लोरे ने उस व्यक्ति को अपने कंधे पर उठाया...
View Articleभूरी बाई: जिस भारत-भवन के निर्माण में की दिहाड़ी-मजदूरी, वहीं पर बनीं मशहूर...
मध्य-प्रदेश जनजातीय संग्राहलय में कलाकार के पद पर काम करने वाली भील चित्रकर भूरीबाई बरिया आज कला और संस्कृति जगत का प्रसिद्द नाम है। उनकी बनाई पेंटिंग्स मध्य-प्रदेश के संग्रहालय से लेकर अमेरिका तक अपनी...
View Articleव्हीलचेयर पर बैठकर, 2,500 से भी ज़्यादा बच्चों को मुफ़्त शिक्षा दे चुके हैं...
उत्तर-प्रदेश में मिर्ज़ापुर के एक गाँव ‘पत्ती का पुर’ में 49 वर्षीय गोपाल खंडेलवाल, पिछले 20 साल से गाँव के बच्चों के जीवन में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। अब तक उन्होंने सैकड़ों बच्चों की ज़िंदगी संवारी...
View Articleविजय सिंह ‘पथिक’: वह क्रांतिकारी पत्रकार, जिनके किसान आंदोलन के आगे झुक गये...
“यश वैभव सुख की चाह नहीं, परवाह नहीं जीवन न रहे; यदि इच्छा है तो यह है- जग में स्वेच्छाचार दमन न रहे।” – विजय सिंह ‘पथिक’ देश की आज़ादी के संघर्ष को जन-जन तक पहुँचाकर इसे जन-आंदोलन में बदलने में सबसे...
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