दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में प्रेमपुरा बस्ती में पेरना समुदाय के लोग रहते हैं। यह एक बंजारा समुदाय है जो छह-सात दशक पहले राजस्थान से दिल्ली रोजगार की तलाश में आया था। दिल्ली में इतने सालों से रहने के बावजूद इस समुदाय की महिलाओं के जीवन में परिवर्तन नहीं आया है। इस समुदाय की अपनी समस्याएं हैं, जिस वजह से महिलाओं को मजबूरन कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
क्या है पेरना समुदाय

पेरना समुदाय एक काफी छोटा समुदाय है जो खानाबदोशी का जीवन व्यतीत करता है। ब्रिटिश काल में इन्हें प्रताड़ित किया जाता था। ब्रिटिश सरकार इन्हें आपराधिक जनजाति बुलाती थी और इनके साथ काफी निचले स्तर का व्यवहार करती थी। इतने लंबे समय से चले आ रहे इस व्यवहार के कारण अन्य जाति के लोग भी इस समुदाय को स्वीकार नहीं कर पाए हैं। इस समुदाय के हाशियाकरण और गरीबी के कारण ही समुदाय के लोगों ने महिलाओं को देह व्यापार में धकेला जोकि आज तक इस दलदल से निकलने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
इनकी गरीबी के कारण ही यह प्रथा पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रही है और सबसे अधिक शोषण का शिकार बच्चे और औरतें ही रहे हैं। इन महिलाओं का न केवल यौन-शोषण किया जाता है बल्कि घरेलू हिंसा के द्वारा भी इनके जीवन को और अधिक कठिन बनाया जा रहा है।
महिलाओं के जीवन में बदलाव के लिए सामने आया संगठन

आज के समय में प्रेमपुरा बस्ती में रहनेवाले कई बच्चों को ‘अपनेआप वीमेन वर्ल्डवाइड‘ नामक एक गैर सरकारी संस्था शिक्षा उपलब्ध कराने का भरसक प्रयास कर रही है। इस समुदाय के लोगों की सबसे बड़ी समस्या गरीबी रही है। आपराधिक जनजाति बुलाए जाने के कारण इनके पास नागरिकता दस्तावेज नहीं है, जिसके कारण इन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह संस्था इस इलाके की बच्चियों के लिए शिक्षा का प्रबंध कर रही है साथ ही उनके दस्तावेज संबंधी कार्य भी करती है और जाति प्रमाण पत्र संबंधित दस्तावेजों को बनवाने एवं पूरा करने का कार्य भी करती है।
‘अपनेआप संस्था’ की कार्यकर्ता टिंकू खन्ना के अनुसार समुदाय के पुरुष कोई काम नहीं करते हैं और दिन भर शराब का सेवन और महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा करते हैं। शाम के समय घर की सभी महिलाओं को गाड़ियों में भरकर अलग-अलग स्थानों पर खरीदारों के पास ले जाया जाता है। महिलाओं के साथ हो रहे अत्यधिक शोषण एवं अत्यंत घरेलू हिंसा के बावजूद इस समुदाय के लोग परिस्थितियों को सामान्य करने की कोशिश करते हैं।

टिंकू खन्ना ने बताया कि शोषण से भरा जीवन ही इस समुदाय की महिलाओं का असली जीवन है। यह पीढ़ियों से चला रहा है। टिंकू खन्ना और पत्रकार मनीषा भल्ला और अपनेआप ने मिलकर पेरना समुदाय की एक लड़की को हरियाणा में काफ़ी गम्भीर परिस्थितियों में बचाया।
टिंकू खन्ना ने बताया, “जिस लड़की को हरियाणा में बचाया गया वो आगे पढ़ना चाहती थी और अपने पति और पिता को इस सब के लिए ज़िम्मेदार बताया। उस लड़की की माँ उससे मिलने आई और तीन-चार बार मिलने के बाद वह लड़की अपनी माँ के साथ वापस घर चली गई क्योंकि ये सब पीढ़ियों से चला आ रहा है।”
अपनेआप इस इलाके में वहां की महिलाओं एवं बच्चों के लिए कार्यरत है। यह संस्था पेरना समुदाय के बच्चों को आवासीय विद्यालय में भेजने का काम करती है। संस्था के सहयोग से इस समुदाय के आठ बच्चों को शांति ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल, नजफगढ़ में पढ़ाया जा रहा है। जिनमें से एक छात्रा वर्षा ने 82% नंबरों के साथ सीबीएसई की 10वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। हाल फिलहाल की स्वीडन की रानी, क्वीन सिल्विया की पांच दिवसीय भारत यात्रा के दौरान वर्षा से मिलीं और काफी़ सराहना की।

वर्षा जैसी और भी कई लड़कियां खुले आसमान में उड़ने और अपने पंख फैलाने की राह देख रहीं हैं। अपनेआप संस्था को इन सभी के सपनों को पंख देने के लिए आपके साथ की ज़रूरत है। इन बच्चियों की पढ़ाई के खर्च में अपनेआप का हाथ बंटाने के लिए यहाँ डोनेट करें।
अपनेआप वीमेन वर्ल्डवाइड से संपर्क करने के लिए आप उनकी वेबसाइट पर जा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप उन्हें Contact@apneaap.org पर मेल कर सकते हैं या +91-8232085060 / +91-8232911503 पर कॉल कर सकते हैं।
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