मिट्टी कैफ़े: खाने के ज़रिए 120 दिव्यांगों की ज़िंदगी बदल रही है यह युवती!
हुबली में रहने वाली कीर्ति 20 साल की थीं, जब वह एक नए कैफे में अपनी माँ के साथ इंटरव्यू के लिए गईं। इससे पहले उन्होंने जहां भी नौकरी के लिए अप्लाई किया वहां से निराशा ही मिली। वजह थी उनकी दिव्यांगता।...
View Articleजबरन वेश्यावृत्ति में धकेली जाती थीं इस समुदाय की महिलाएं, एक संस्था ने बदल...
दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में प्रेमपुरा बस्ती में पेरना समुदाय के लोग रहते हैं। यह एक बंजारा समुदाय है जो छह-सात दशक पहले राजस्थान से दिल्ली रोजगार की तलाश में आया था। दिल्ली में इतने सालों से रहने के...
View Articleकिसानों को बिजली के करंट से बचा रहा है इस इंजीनियर का इनोवेशन!
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के मुताबिक साल 2017 में भारत में 14 हज़ार मौते करंट लगने से हुईं और हर साल बिजली का करंट लगने से होने वाली मौतों का यह आंकड़ा बढ़ता है। खासतौर पर किसान इस तरह की घटनाओं का...
View Articleदूसरे राज्य से आए श्रमिकों को अतिथि कहते हैं ये कलेक्टर, साथ बैठकर करते हैं भोजन
कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन में देश के अलग-अलग हिस्सों में लाखों श्रमिक फंसे हुए हैं। ऐसे में देश भर में पूरा प्रशासनिक और सामाजिक अमला उन श्रमिकों की हर संभव मदद करने का प्रयास कर रहा है। आर्थिक...
View Articleकोविड-19: विप्रो और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन का 1,125 करोड़ रुपये देने का ऐलान
इस संकट के समय, कई मशहूर हस्तियां, एनजीओ और बिजनेस कम्युनिटी स्वास्थ्य कर्मचारियों, स्वच्छता श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। कई संस्थाओं ने वित्तीय, तकनीकी और चिकित्सा सहायता...
View Articleजानिए कैसे एक ‘कुक’बना भारत की पहली फीचर फिल्म की नायिका!
चिलचिलाती धूप में भी गिरगांव के कोरोनेशन थिएटर के बाहर टिकट लेने के लिए लोगों की कतार लगी हुई थी, तारीख थी 3 मई, 1913। इस दिन भारत की पहली फीचर फिल्म, राजा हरिश्चंद्र रिलीज़ हुई थी। 50 मिनट लंबी यह...
View Articleघर को बनाया प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल ताकि पक्षी बना सके अपना बसेरा!
हरियाणा में हिसार के अग्रोहा ब्लॉक का गाँव है नंगथला। यहां एक शख्स है जो पिछले कई साल से पक्षियों के लिए कुछ अलग काम कर रहा है। 32 वर्षीय रमेश वर्मा पिछले 15 सालों से पर्यावरण और प्रकृति के लिए काम कर...
View Articleमल्टीनेशनल की नौकरी छोड़ी, केंचुआ खाद बेचकर कमाते हैं करोड़ों
अगर आप अपना पूरा फोकस अपने लक्ष्य को हासिल करने में लगा देते हैं तो फिर आपको कोई हरा नहीं सकता। मेरठ के दामोदर कालोनी निवासी अमित त्यागी इसके मिसाल हैं। उन्होंने अपनी पत्नी मोनिका त्यागी की सलाह पर...
View Articleविदेश से लौटकर शुरू की किसानी, अब यूरोप में एक्सपोर्ट होती हैं इनकी जैविक...
क्या आपने किसी ऐसे पति-पत्नी की कहानी सुनी है जिसने मध्य-पूर्व देश में लगभग दस साल काम किया हो और फिर जब भारत लौटे तो किसान बन गए? आज हम आपको एक ऐसे ही दंपति की कहानी सुनाने जा रहे हैं। यह कहानी जॉय...
View Articleकोरोना हीरोज़: लॉकडाउन में बेज़ुबानों का सहारा!
आए दिन भारत में COVID-19 के मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है और इस बात को ध्यान में रखते हुए देशभर में लॉकडाउन जारी है। हम सब जानते हैं कि लॉकडाउन का सही से पालन करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि यह सिर्फ हमारी...
View Articleरायपुर में जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने का काम करती है संस्था
कोरोना महामारी के इस संकंट के दौर में हर कोई यह प्रयास कर रहा है कि जरूरमंद तक सहायता पहुंचे। सरकार, स्थानीय प्रशासन से लेकर समाज का हर वर्ग अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है कि लोगों तक मदद पहुंचे। ऐसा ही...
View Articleकोरोना हीरोज़: घर बैठे 4, 500 शिक्षकों को दी ऑनलाइन पढ़ाने की ट्रेनिंग!
देशभर में लॉकडाउन की वजह से स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थाएं बंद हैं। ऐसे में, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हालांकि, बहुत से स्कूलों ने इस दौरान तकनीक की मदद से बच्चों से जुड़ना शुरू किया...
View Articleरसायनमुक्त संतुलित खेती से लाखों में कमा रहा है राजस्थान का यह किसान!
राजस्थान में पीलीबंगा के गाँव चौबीस एसटीजी से ताल्लुक रखने वाले भंवर सिंह पिछले 6-7 सालों से लगातार किसानी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी छत पर ग्रीन हाउस बनाने से शुरूआत की थी और आज उन्होंने जयपुर के पास 7...
View Articleआईटी की मोटी सैलरी छोड़ बन गए किसान, शहरी खेती को बढ़ावा देना है मिशन
बचपन में राहुल शर्मा गर्मियों की छुट्टियों में चंडीगढ़ से लगभग तीन घंटे दूर कपूरथला जिले के एक छोटे से गाँव मुस्तफाबाद में जाया करते थे। राहुल ने द बेटर इंडिया को बताया, “मुस्तफाबाद जाने पर हमें...
View Articleउत्तर-प्रदेश: किसान अब पराली जलाते नहीं बल्कि इससे खाद बनाते हैं, जानिए कैसे!
पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में अपने जल-संरक्षण के प्रयासों के लिए मशहूर ‘नीर फाउंडेशन’ के संस्थापक रमन कांत ने अब तक 450 से ज्यादा तालाबों और दो नदियों के उद्गम स्थल को पुनर्जीवित किया है। उनके काम से न...
View Article12 साल की उम्र से शुरू की पत्रकारिता, देशभर के सफल किसानों की लिखी विजय गाथा
पत्रकारिता को यदि मिशन समझ कर किया जाए तो लोगों की ज़िंदगी में बेहतर सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। इसे सच कर दिखाया है डॉ. महेंद्र मधुप ने। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों के संघर्षों, उनके अन्वेषण की...
View Articleघर की छत पर उगाते हैं बिना मिट्टी की जैविक सब्जियां, दूसरों को भी देते हैं...
74 वर्षीय पीटर सिंह और 64 वर्षीय उनकी पत्नी नीनो कौर एक उदाहरण हैं कि कैसे हम अपने भोजन के लिए आत्मनिर्भर होने के साथ कचरे का भी सही उपयोग कर सकते हैं। गोवा के पणजी के डोना पौला में रहने वाले इस दंपति...
View Articleइस गृहिणी का उद्देश्य है ‘जो प्लास्टिक घर आए, वह कुछ बनकर बाहर जाए’!
हम में से ज़्यादातर लोगों के घरों में कहीं न कहीं एक जगह या कोना होगा, जहां पर दुनियाभर की प्लास्टिक थैलियां जमा होंगी। हमारी हर एक खरीददारी के साथ कुछ न कुछ प्लास्टिक आता ही है और फिर हम उसे कभी खिड़की...
View Articleतरबूज़ की खेती ने बनाया लखपति, 200 लोगों को दे रहे हैं रोजगार
सैनिक स्कूल से पढ़ाई करने वाले अधिकांश छात्रों का सपना फौज में जाकर माटी की सेवा करना होता है, लेकिन हाजीपुर (बिहार) के रोहित ने सैनिक स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद माटी की सेवा के लिए खेती,...
View Article#गार्डनगिरी: गर्मियों में कैसे रखें पेड़-पौधों का ख्याल, जानिए एक्सपर्ट की सलाह!
बिहार में पटना के रहने वाले अशोक कुमार श्रीवास्तव को बचपन से ही बागवानी का शौक रहा। बागवानी के प्रति यह लगाव उन्हें अपने पिता से मिला है। फार्मा इंडस्ट्री से जुड़े अशोक कुमार श्रीवास्तव ने अपने घर में...
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