हल्दी एक ऐसी चीज़ है, जिसके बिना आपका किचन अधूरा माना जाता है। कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने गार्डन में गमले या फिर ग्रो बैग में हल्दी उगा रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला से मुलाकात करवाने जा रहे हैं जो अपने टैरेस गार्डन में हरी सब्जी से लेकर हल्दी तक उगा रही हैं।
बेंगलुरू में रहने वाली प्रतिमा अदीगा लगभग चार साल से अपनी छत पर गार्डनिंग कर रही हैं। वह अपने टैरेस गार्डन में घर की ज़रूरत की सभी तरह की सब्जी, फल और फूल उगाती हैं। उनके किचन में इस्तेमाल होने वाली लगभग सभी सब्ज़ियां उनके गार्डन से आती हैं। बाहर से वह सिर्फ आलू और प्याज खरीदती हैं।
उनके गार्डन की सबसे ख़ास बात है कि वह गमले में हल्दी भी उगा रही हैं। प्रतिमा कहतीं हैं कि हल्दी उगाना बहुत मुश्किल नहीं है, बस आपको थोड़ा ध्यान देना होता है और सही प्रक्रिया फॉलो करनी होती है।
द बेटर इंडिया के माध्यम से प्रतिमा आज हम सभी को बता रही हैं कि कैसे आप घर पर ही गमला या फिर ग्रो बैग में हल्दी उगा सकते हैं!

प्रतिमा कहती हैं कि हल्दी उगाने के लिए कच्ची हल्दी की गांठ यानी कि राइजोम चाहिए। वह भी ऐसी राइजोम जिनमें बड्स निकली हों। “सर्दियों में आपको बाज़ार में आसानी से कच्ची हल्दी की गांठ मिल जाएगी। यह सबसे सही समय है हल्दी लगाने के लिए राइजोम इकट्ठा करने का। खासतौर पर, जनवरी के महीने में संक्रांति और पोंगल के आस-पास आपको सब जगह हल्दी मिलेगी,” उन्होंने आगे कहा।
उनके मुताबिक, हल्दी लगाने का सबसे सही समय मार्च और अप्रैल है।
क्या-क्या चाहिए:
हल्दी लगाने के लिए गांठे/बीज, पॉटिंग मिक्स, 18×18 इंच के ग्रो बैग या 20 लीटर की बाल्टी या फिर 1 फीट गहरी कैरेटस।
कैसे उगाएं:
सबसे पहले हमें पॉटिंग मिक्स तैयार करना होगा जिसमें मिट्टी, कोकोपीट, गोबर की खाद और वर्मीकंपोस्ट सभी बराबर मात्रा में मिलाएं।
- सबसे पहले ग्रो बैग या गमलों में पॉटिंग मिक्स भरकर तैयार करें।
- राइजोम को बोने से पहले कुछ दिन छांव में सूखा लीजिए।

- फिर आप राइजोम को मिट्टी में बोएं और ऐसे राइजोम, जिनमें बड निकली हुई हों।
- एक ग्रो बैग में आप तीन राइजोम लगाएं।
- इसके बाद इन्हें ऊपर से मिट्टी डालकर ढक दें।
- अब स्प्रिंकलर से पानी दीजिए और ध्यान रहे कि पानी सिर्फ ज़रूरत के हिसाब से ही हो।
ध्यान रहे कि हल्दी एक जड़ फसल है और इसलिए ज्यादा पानी होने से यह सड़ सकती है। इसलिए जो भी गमला या ग्रो बैग आप इस्तेमाल करें उसका ड्रेनेज सिस्टम अच्छा होना चाहिए।

- हल्दी की गांठें लगभग 30 से 40 दिन में स्प्राउट होने लगती हैं।
- अगर अप्रैल में आप हल्दी लगाते हैं तो ये मई या जून में स्प्राउटिंग होगी।
- ध्यान रहे कि हल्दी के पौधे को अच्छी धूप चाहिए होती है इसलिए छत या बालकनी, जहाँ भी आप हल्दी लगाएं
- ध्यान रहे कि वहाँ कम से कम 5-6 घंटे की अच्छी धूप मिले।
प्रतिमा आगे कहतीं हैं कि स्प्राउटिंग के बाद अगर कोई चाहे तो पौधों को ट्रांसप्लांट कर सकता है।
- लगभग 3-4 महीने बाद जब पौधों में फूल आने लगे तो मतलब है कि हल्दी अच्छे से उपज रही है।
- इसके साथ-साथ पौधों को पोषण मिलना बहुत ही ज़रूरी है। हर 10 दिन में आप हल्दी के पौधों को कोई भी लिक्विड पोषण अवश्य दें।
- पोषण के लिए आप सब्ज़ी और फलों के छिलकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे प्याज के छिलकों की या फिर केले के छिलकों से आप पोषण बना सकते है।
“पोषण बनाना बहुत ही आसान है। जैसे प्याज के छिलकों को 4-5 दिन के लिए पानी में भिगोकर रख दें या फिर केले के छिलकों को भी आप गुड के साथ मिलाकर पानी में भिगों कर रख सकते हैं। कुछ दिन बाद आप इन्हें छानकर पानी को पौधों में डाल सकते हैं,” उन्होंने बताया।

प्रतिमा आगे कहतीं हैं कि हल्दी की फसल 9 महीने में तैयार होती है। मार्च-अप्रैल में लगाई फसल आपको जनवरी में हार्वेस्ट करनी होती है। जैसे ही पौधों की सारे पत्ते एकदम सुख जाएं तो इसका मतलब है कि हार्वेस्टिंग करने का समय आ गया है।
इसके साथ ही, एक खास बात यह है कि हार्वेस्टिंग करने से 15 दिन पहले आप पौधों को पानी देना बंद कर दें। इससे मिट्टी गीली नहीं रहेगी और हल्दी निकालने में आसानी रहेगी।
“हार्वेस्ट करने के बाद हल्दी को कम से कम अच्छे से तीन बार धोइए ताकि यह अच्छे से साफ हो सके। इसके बाद आप इसे छांव में सुखाएं और फिर इन्हें उबाल लें या फिर स्टीम कर लें। स्टीम करने के बाद आप इन्हें काट लें और फिर इन्हें धूप में सुखाएं,” उन्होंने आगे कहा।

प्रतिमा के मुताबिक एक ग्रो बैग से आपको कम से कम 2 किलो हल्दी मिलेगी। लेकिन हल्दी को सूखाने के बाद जब आप इसे पाउडर बनाते हैं तो यह काफी कम मात्रा में रह जाता है क्योंकि इसमें जो भी जल का तत्व होता है वह सूख जाता है।
“3 किलोग्राम सूखी हल्दी से आपको 750 ग्राम पाउडर मिलता है। मैंने अपने यहाँ 23 किलोग्राम तक हल्दी की हार्वेस्ट ली है । अपने गार्डन की एकदम शुद्ध और जैविक हल्दी में जो पोषण है वह आपको बाहर बाज़ार की हल्दी में कभी नहीं मिलेगा,” उन्होंने आगे बताया।
हल्दी की बहुत किस्में बाज़ार में मिलती हैं। सामान्य हल्दी से लेकर औषधीय हल्दी की किस्मों को आप इसी तरीके से उगा सकते हैं। तो देर किस बात की, इस बार आप भी ट्राई करिए और घर पर उगाइए हल्दी।
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