करडावद, मध्य प्रदेश के नारायण सिंह यूँ तो पेशे से किसान हैं लेकिन उनके क्षेत्र में कहीं भी, अगर कोई मोर पक्षी बीमार या घायल होता है तो लोग तुरंत उन्हें बुलाते हैं!
क्यूंकि एक नारायण ही हैं जो मोरों का सही इलाज कराकर, उनकी अच्छी देखभाल करके, उनका जीवन बचा सकते हैं।
55 साल के नारायण पिछले 40 सालों से यह काम कर रहे हैं। इसकी शुरुआत तब हुई जब वह केवल 12 साल के थे। बचपन में पिता के साथ एक घायल मोर को बचाने के बाद यही उनके जीवन का मकसद बन गया।
इसके लिए उन्होंने ‘Society For The Peacock Welfare’ नाम से अपनी एक संस्था बनाई है और अपने कार्यों के लिए उन्हें मध्य प्रदेश सरकार और वन विभाग से सम्मान भी मिल चुका है।
इनका घर ही है बेसहारा पक्षियों का आसरा
रेस्क्यू करने के बाद जब तक पक्षियों का इलाज चलता है, तब तक नारायण उन्हें अपने पास रखकर उनकी खूब सेवा करते हैं, और फिर जंगल या उनके प्राकृतिक आवास स्थान में छोड़ देते हैं।
अपनी बेटी और पत्नी के सहयोग से वह इन मोरों को अपने घर पर ही रखते और इनके खाना-पानी व दवाइयों का खर्चा खुद ही उठाते हैं।
भविष्य में वह इन पक्षियों के लिए एक आसरा बनाना चाहते हैं। इसके लिए नारायण ने एक तीन बीघा ज़मीन खरीदी है। लेकिन यहाँ पीकॉक शेल्टर होम बनाने के लिए उन्हें मदद की ज़रूरत है।
हम में कई लोग पक्षी प्रेमी हैं, लेकिन नारायण सिंह की तरह हर कोई, पक्षियों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित नहीं कर सकता।
ऐसे में नारायण जैसे लोगों की मदद कर हम उनका काम ज़रूर आसान बना सकते हैं। आप नारायण से 9669642608 पर संपर्क कर पीकॉक शेल्टर होम बनाने में अपना सहयोग दे सकते हैं।
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