बंटवारे के समय बिछड़ा यह सिख भाई 71 साल बाद मिला अपनी मुसलमान बहनों से!
साल 1947 में हिंदुस्तान सिर्फ आज़ाद नहीं हुआ था बल्कि दो हिस्सों में बिखर भी गया था। भारत और पाकिस्तान जब अलग हुए तो न जाने कितने लोगों को बेघर होना पड़ा और न जाने कितनों ने अपनों को खो दिया। कोई इस पार...
View Article22 घंटे लगाकर, 3 दिन तक बिना खाए या सोये क्यूँ बन जाता है यह व्यक्ति मिस्त्री...
कर्नाटक के उदुपी में हर साल कृष्ण-जन्माष्टमी पर देश-विदेशों से लोग यहाँ घुमने आते हैं। इस मौके पर स्थानीय कलाकार अलग-अलग समूहों में रंग-बिरंगे कॉस्टयूम पहनकर और करतब दिखाकर उनका मनोरंजन करते हैं। ये...
View Articleएक सर्जन की सोच और एक आम कारीगर के अनुभव का मेल है दुनिया का मशहूर ‘जयपुर फुट’!
डॉ. प्रमोद करण सेठी दुनिया भर में मशहूर कृत्रिम पैर ‘जयपुर फुट’ के इन्वेन्टर थे। अगर उन्हें ‘जयपुर पैर’ का जनक कहा जाये तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। मेडिकल क्षेत्र में वे जानी-मानी हस्ती थे। डॉक्टर...
View Articleएक बेहतरीन बिज़नेस टाइकून ही नहीं बल्कि एक बेहतर इंसान भी थे जेआरडी टाटा!
“मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ! हम सबको हमेशा से मेहनत करना और अपने घर को चलाना सिखाया गया था। मैंने खुद भी कॉलेज में पढ़ते हुए ही कमाना शुरू कर दिया था – मैं सुबह कॉलेज जाती और शाम को ट्यूशन...
View Article26/11 : यह पीड़ित परिवार आज भी है अभिनेता फ़ारुक शेख़ का शुक्रगुजार!
26/11 हमलों के बाद आज भी बहुत-सी ऐसी कहानियाँ उभर कर सामने आ रहीं हैं जो इंसानियत में आपका विश्वास एक बार फिर मजबूत कर देंगी। अभिनेता फ़ारूक शेख़ की कहानी भी इन्हीं में से एक है। ‘ये जवानी है दीवानी’...
View Articleऑटों को सुनसान सड़क पर जाते देख इन युवकों ने पीछा कर, बचाई एक युवती की इज्ज़त!
पश्चिम बंगाल के तीन युवक अजय नस्कर, जलाल अली मोल्लाह और शाबेद अली मोल्लाह ने जो हिम्मत का काम कर दिखाया है, वह आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। हाल ही में, ये तीनों दोस्त शाम को कोलकाता के न्यू...
View Articleकैप्टेन गुरबचन सिंह सलारिया: वह भारतीय जिसने विदेशी धरती पर फहराया था विजय का...
बात साल 1961 की है, जब पूरे विश्व में शीत-युद्ध चल रहा था और शायद, फिर से एक और विश्व युद्ध होने के संकेत मिल रहे थे। लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ किसी भी कीमत पर एसा नहीं होने देना चाहता था। इसलिए...
View Articleकभी करते थे साइकिल मरम्मत का काम, आज हैं आईएएस अफ़सर!
“आज से बारह साल पहले मैं सोच भी नहीं सकता कि मैं कभी भी जीवन में इस मुकाम पर पहुंचूंगा। मुझे यह तक नहीं पता था कि मैं कभी हाई स्कूल में भी दाखिला ले पाऊंगा। फिर भी आज मैं भारतीय प्रशासनिक सेवा विभाग का...
View Articleअंग्रेज़ों को चकमा दे, जेल से फ़रार हुए इस क्रांतिकारी को कभी नहीं पकड़ पाई...
बहरूपिया बनकर अंग्रेज़ों की आँखों में धूल झोंकने वाले क्रांतिकारी की बात होते ही आपको चंद्रशेखर आज़ाद याद आ जाते होंगे। पर आज हम आपको ऐसे एक क्रांतिकारी का किस्सा सुनायेंगे, जिसने अंग्रेज़ों को ऐसा चकमा...
View Articleतुम्हें नहलाना चाहती हूँ!
उससे कई बरसों बाद मिलना हुआ. चूँकि ये भी पुरानी बात है इसलिए ठीक से याद नहीं कि सच में मिला था या दिमाग़ी हरारत से पैदा हुआ कोई विभ्रम था. ग़ौर करने पर लगा कि नहीं उससे मिलना तो नहीं हुआ अलबत्ता उसका ख़त...
View Articleकिसान आंदोलन: दिल्ली के गुरुद्वारों ने खोले किसानों के लिए अपने दरवाज़ें!
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सभी सदस्य और पूरे देश भर से हज़ारों किसान दिल्ली पहुँच चुके हैं। लगभग 200 किसान संगठन इस एक समिति के झंडे तले हज़ारों की संख्या में किसानों के साथ दिल्ली में रैली...
View Article“अपने काम के साथ अपनी राह बनाते रहो और इस राह में दूसरों की मदद करना मत भूलो!”
“जब मैं मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थी तो मैं चाहती थी कि मैं और भी बहुत कुछ करूँ। कॉलेज में मैंने एक फाउंडेशन के साथ काम करना शुरू किया, जो सेक्स वर्कर रहीं महिलाओं के पुनर्वास के लिए काम करती है। यहाँ...
View Articleजॉर्ज सिडनी अरुंडेल: आज़ादी की लड़ाई में यह ब्रिटिश था भारतीयों के साथ!
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ऐसे बहुत से विदेशी भी थे, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इन लोगों में मीरा बेन, सिस्टर निवेदिता, एनी बेसेंट और सैम्युल इवान्स जैसे नाम...
View Articleशादी में खाने की बर्बादी होते देख रात भर सो नहीं पाया यह शख़्स, शुरू की अनोखी...
हम सब जानते हैं कि जहाँ एक तरफ़ न जाने कितने लोगों को भरपेट दो वक़्त का खाना भी नहीं मिलता वहीं दूसरी तरफ़ किसी पार्टी या फिर विवाह-उत्सव में न जाने कितने टन खाना बर्बाद होता है। यह समस्या भारत में सदियों...
View Articleमेजर ध्यानचंद के खेल से प्रभावित होकर हिटलर ने दिया था यह ऑफर!
भारत में हॉकी का अगर कोई दुसरा नाम है तो वह है – मेजर ध्यानचंद। तनाव पूर्ण स्थिति में भी वे ऐसे गोल करते थे कि आज भी भारतीय हॉकी में कोई उनका मुकाबला नहीं कर सकता है। इस महान खिलाड़ी के सम्मान में उनके...
View Articleलांस नायक अल्बर्ट एक्का: जिन्होंने जान देकर भी पाकिस्तानी सेना को अगरतला में...
साल 1971 की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई को कोई शायद ही भूल सकता है। युद्ध भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच था लेकिन इस जंग ने नयी ज़िन्दगी दी बांग्लादेश को। भारत ने अपने न जाने कितने सैनिक गँवा कर बांग्लादेश...
View Articleडॉ. राजेन्द्र प्रसाद: देश के प्रथम राष्ट्रपति, जिन्होंने पूरे कार्यकाल में...
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद न केवल देश के पहले राष्ट्रपति थे, बल्कि उन्हें जन-साधारण का राष्ट्रपति कहा जाता है। 3 दिसंबर 1884 में बिहार के सीवान जिले के एक गाँव में जन्में राजेन्द्र बचपन से ही बहुत...
View Articleभोपाल गैस त्रासदी : मौत से जूझते हुए भी इस स्टेशन मास्टर ने बचायी थी लाखों...
साल 1984 तारीख- 2 और 3 दिसंबर ये दो दिन भारत के इतिहास से न तो भुलाये जा सकते है और न ही मिटाए जा सकते हैं। इन दो दिनों को हम ‘भोपाल गैस त्रासदी’ के नाम से जानते हैं। एक ऐसी त्रासदी जो शुरू तो आज से...
View Articleबेज़ुबान और बेसहारा जानवरों के दर्द को समझकर उन्हें नयी ज़िन्दगी दे रही हैं...
अपने आस-पास आपको बहुत से लोग मिल जायेंगे जिन्हें जानवर पालने का शौक़ होता है। वैसे तो भारत में अनगिनत लोग हैं जो अपने पालतू जानवरों का बहुत ख्याल रखते हैं, पर केवल तब तक जब तक वो शारीरिक रूप से ठीक...
View Articleकानून और समाज से लड़कर बनी देश की पहली महिला माइनिंग इंजिनियर!
आज भी देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें महिलाओं की संख्या न के बराबर हैं। ऐसा ही एक क्षेत्र है माइनिंग (खनन)। साल 1952 का माइन एक्ट कहता है कि महिलाओं को अंडरग्राउंड माइंस में काम करने की अनुमति नहीं...
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