Quantcast
Channel: The Better India – Hindi
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3559

84 साल की गुजरात की दादी के लिए रिटायरमेंट की उम्र अभी है दूर, फूड बिजनेस में बनाई अलग पहचान!

$
0
0

अहमदाबाद की रहने वाली शर्मिष्ठा सेठ रिटायरमेंट की कगार पर हैं। जीवन के इस पड़ाव में ज़्यादातर लोग अपनी ज़िम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं। और अगर उनका स्वास्थ्य अनुमति दे तो इस उम्र में ज़्यादातर लोग अपने पुराने शौक को पूरा करने में समय गुजारते हैं। लेकिन शर्मिष्ठा की कहानी थोड़ी अलग है। 

84 वर्षीय शर्मिष्ठा कहती हैं, “ईमानदारी से कहा जाए तो, उम्र केवल एक नंबर है। अगर खाना बनाना जुनून है तो क्या आप इससे ऊब सकते हैं ? मेरी इतनी जल्दी रिटायर होने की कोई योजना नहीं है।”

हालाँकि, जिस दिन हमने उनसे मुलाकात की, वह दिन उनके लिए काफी व्यस्त था, ढेर सारे कामों के बीच उन्होंने उस दिन एक घंटा रसोई में भी अपना वक्त दिया था। लेकिन व्यस्तता के बावजूद कैटरर के रूप में अपनी 40 साल की यात्रा के बारे में बात करते हुए वह काफी उत्साहित नजर आ रही थी। 

जब हमने उनसे पूछा कि वह अपना बिजनेस कैसे चलाती हैं, तो उन्होंने बहुत सहज तरीके से अपनी कहानी साझा की। उन्होंने द बेटर इंडिया को बताया, “गुजराती व्यंजनों में सभी प्रकार के स्वाद और रंग होने चाहिए। इसलिए, शादियों के लिए मेनू सेट करना मेरा सबसे पसंदीदा काम है, क्योंकि इसके पीछे एक विज्ञान है। मेरी उम्र शादियों में जाने और काउंटर सेट करने की इजाज़त नहीं देता है लेकिन आज टेक्नोलॉजी इतनी अच्छी हो गई है कि मैं वीडियो कॉल के ज़रिए कनेक्ट हो सकती हूँ या फोटो मंगा सकती हूँ। मैं चाहती हूँ कि खानपान का कार्यक्रम पूरी पर्फेक्शन के साथ हो।”

Gujrat Grandmother
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड लेते हुए शर्मिष्ठा सेठ।

‘शर्मिष्ठा सेठ कैटरिंग’ पिछले तीन दशकों से शादियों और अन्य अवसरों के लिए सबसे स्वादिष्ट गुजराती भोजन प्रदान कर रहा है। हर साल लगभग 20-30 शादियों के साथ, सेठ ने 34 वर्षों में 700 से अधिक वैवाहिक कार्यक्रमों में कैटरिंग की सेवा दी है।

हालाँकि उनका खानपान व्यवसाय गुजरात में सबसे लोकप्रिय है, लेकिन इसकी न तो सोशल मीडिया पर मौजूदगी है और न ही इसकी कोई वेबसाइट है। यह लोगों द्वारा ही जाना जाता है। 

वह बताती हैं, “मैंने 80 के दशक में अपना व्यवसाय शुरू किया था जब इंटरनेट  नहीं था। मैंने कभी कोई पैसा मार्केटिंग या प्रचार पर खर्च नहीं किया। इसके बजाय, मैंने अपनी सारी ऊर्जा भोजन को बेहतर बनाने पर लगाया है। तो, अब उसे क्यों बदला जाए? कभी-कभी पुराने स्कूल आपकी यूएसपी बन जाते हैं। ”

यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उनके क्लाइंट में व्यवसायी, राजनेता, अभिनेता से लेकर आम लोग तक शामिल हैं। सेठ का विशेष ध्यान गुजरात के पारंपरिक व्यंजनों पर होता है।

कैटरिंग कंपनी प्रसिद्ध शाकाहारी व्यंजन उंधियू, ढोकला, पात्रा से लेकर घेवर और दाल-ढोकली जैसे स्वादिष्ट व्यंजन परोसती है।

साथ ही सेठ अपने मेनू में अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों को भी शामिल करने से नहीं कतराती हैं, जो आज के समय में काफी लोकप्रिय है। 

रसोई की शुरूआत

Gujrat Grandmother
शर्मिष्ठा सेठ अपने बेटे सौरीन और बहू वैशाली के साथ।

सेठ को पढ़ाई करने और करियर बनाने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया गया। वह धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलती हैं और उनके पास एलएलबी की डिग्री है। वह 1969 में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट से ग्रैजुएट करने वाली पहली बैच का हिस्सा रही हैं।

एक साल बाद, अपने पति और सास से समर्थन और प्रोत्साहन के साथ, उन्होंने अपनी बेकिंग और कुकिंग क्लासेज शुरू की। उस समय अंतरराष्ट्रीय व्यंजन जैसे कि पाई, केक, पुडिंग इतनी लोकप्रिय नहीं थे। सेठ ने अपनी क्लासेज में ये सारी व्यंजन सिखाना शुरू किया और जल्द ही काफी लोकप्रिय हो गई।

उसने एक बड़े कमरे को रसोई में बदल दिया और अगले दस वर्षों तक यही क्लासेज लेती रहीं।उन्होंने पिज्जा, बर्गर, नूडल्स जैसे विदेशी फास्ट फूड को भी अपनी क्लास में शामिल किया। 

 Gujrat Grandmother

सेठ दावा करती हैं कि उन्होंने 6,000 से अधिक लड़कियों को यह कला सिखाई है और उनमें से कई लोगों ने फूड इंडस्ट्री में कदम रखा।

समय के साथ, सेठ आगे बढीं और पुणे के एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय में विजिटिंग फैकल्टी बनी। उन्होंने अहमदाबाद के अगाशिये और मुंबई के थैकर्स कैटरर्स में भी परामर्श देना शुरू किया, जो पारंपरिक गुजराती व्यंजन और थाली परोसने वाले कुछ सबसे पुराने होटल में से हैं।

सेठ बताती हैं कि इसके बाद कई तरह से सवाल सामने आने शुरू हुए, जैसे, “आप छोटे सामाजिक समारोहों में केटरिंग शुरू क्यों नहीं करती?” यह एक ऐसा प्रश्न था जो मेरे जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ बन गया। इसलिए, मैंने 80 के दशक की शुरुआत में दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए केटरिंग करना शुरू किया।”

1986 में जब सेठ ने केटरिंग का बिजनेस शुरू किया तब उनकी उम्र 40 साल थी। वह कहती हैं, “मुझे लगता है कि किसी भी काम को करने के लिए उम्र कभी बाधा नहीं बनती है। यह जरूर नहीं है कि 20 साल की उम्र में ही काम शुरू किया जाए। उम्र के किसी भी पड़ाव पर आप काम शुरू कर सकते हैं, बस जरूरी है कड़ी मेहनत और काम के प्रति प्रतिबद्धता।”

700 शादियों में केटरिंग

Gujrat Grandmother

80 के दशक में सेठ के बेटे, सैरीन अपनी पत्नी वैशाली के साथ इस बिजनेस में शामिल हुए थे। वह कहते हैं, “वह सुनिश्चित करती हैं कि उनकी कंपनी का हर कर्मचारी एक महत्वपूर्ण सबक सीखे – हमारी यूएसपी समय पर डिलीवरी है, 34 वर्षों में पूरे क्षेत्र में किसी को हमने शिकायत का मौका नहीं दिया।”

यह केटरिंग कंपनी हाथ से तैयार किए गए पीतल और तांबे के बर्तन और क्रॉकरी की भी सेवा देती है। उनका मानना ​​है कि इस तरह की क्रॉकरी देखने में बहुत सुंदर लगते हैं और पार्टी को यादगार बनाते हैं।

जब सेठ ने इस बिजनेस की शुरुआत की थी तब शायद ही ऐसी कोई केटरिंग सर्विस थी जो खाने का मेनू तय करने से लेकर क्रॉकरी, लाइव काउंटर्स और टेबल डेकोरेशन तक जैसी शानदार सेवा प्रदान करती थीं। इन सारी सेवाओं को अपने काम में शामिल करने से सेठ को अपने व्यापार का विस्तार करने और क्लाइंट के बीच लोकप्रियता बढ़ाने में मदद मिली। पूरे शहर में उनके द्वारा दिए जाने वाले डेजर्ट बार, कॉफी बार और आफ्टर मील सेक्शन की चर्चा होने लगी थी। 

हर साल, वह करीब 20 शादियों के लिए केटरिंग का ऑर्डर लेती हैं, जो अक्टूबर से शुरू होते हैं और मार्च तक चलते हैं। वह कहती हैं, “हम 200 से 2000 तक मेहमानों के लिए कम से कम 30 व्यंजन प्रदान करते हैं।” राजस्व के संदर्भ में, सेठ कहती हैं कि उनके बिजनेस की विकास दर 15-20 प्रतिशत के बीच है।

उनके शानदार प्रयासों और कड़ी मेहनत का परिणाम तब सामने आया जब उन्हें हाल ही में अहमदाबाद के फूड एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

सेठ ने काफी चुनौतियों का सामना किया है, चाहे वह एक भरोसेमंद और कुशल टीम की स्थापना करना हो या राजस्व पर गुणवत्ता का चयन करना हो। लेकिन इन सभी चुनौतियों के बीच उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाना जारी रखा। उन्होंने साबित किया है कि काम करने की उम्र नहीं होती है। द बेटर इंडिया शर्मिष्ठा सेठ के जज्बे को सलाम करता है।  

मूल लेख-GOPI KARELIA

यह भी पढ़ें- किसी ने ग्राहकों से जोड़ा, तो किसी ने तैयार की रेसिपीज़ और एक दिन में बिक गए 10 टन अनानास!

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

The post 84 साल की गुजरात की दादी के लिए रिटायरमेंट की उम्र अभी है दूर, फूड बिजनेस में बनाई अलग पहचान! appeared first on The Better India - Hindi.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 3559

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>