एक डॉक्टर, जिन्होंने मुंबई की चकाचौंध छोड़, चुनी बिहार के गाँव में ज़िंदगियाँ...
ज़रा सोचिये कि आपके सामने बिहार के एक ऐसे अस्पताल का दृश्य है जहाँ एक स्वीपर बिना गल्व्ज के डिलीवरी करा रहा है, आस पास कुत्ते घूम रहे हैं, वहीं डिलीवरी के लिए नवजात शिशु को साफ करने के लिए उसकी ही माँ...
View Articleहोटल की नौकरी छूटी तो लौटे गाँव, मिट्टी का ओवन बनाकर शुरू किया अपना पिज़्ज़ा...
कोविड-19 महामारी ने पूरे विश्व की स्थिति को बदल दिया है और आने वाला भविष्य कैसा होगा, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। लगभग 3 महीने के लॉकडाउन के बाद जून, 2020 से भारत का अनलॉक फेज शुरू हुआ है। लेकिन...
View Articleकभी 16 हज़ार की नौकरी के लिए घूस देने से मना कर दिया था, आज खेती से कमा रहे...
कर्नाटक के बेलगावी स्थित शिरुर गाँव के रहने वाले 38 साल के सतीश शिदगौदर अपने 1.5 एकड़ ज़मीन पर हर साल 50 टन से अधिक करेला उगाते हैं। उस क्षेत्र में उन्हें ‘करेला विशेषज्ञ ’के नाम से जाना जाता है। एक...
View Articleजब एक बंगाली ने स्वदेशी क्रीम बनाकर अंग्रेजों को दी चुनौती, जानिए बोरोलीन का...
हर मर्ज की दवा – बोरोलीन। करीब एक सदी से हरे रंग की इस ट्यूब के बारे यही कहा जाता रहा है। रूखे होंठ, कटी-जली त्वचा, सूजन जैसी समस्या हो या फिर सर्दियों में सूखी त्वचा की परेशानी हो, हर मर्ज़ की दवा...
View Articleआटे के थैले और चाय के पैकेट में लगा रहीं पौधे, हर महीने यूट्यूब पर देखते हैं...
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के किरतपुर की रहने वाली अप्रती सोलंकी का बागवानी से खास लगाव है। स्थानीय रुहेलखंड विश्वविद्यालय में एम.ए (इतिहास) की अंतिम वर्ष की छात्रा अप्रती का बचपन से ही बागवानी से...
View Articleकभी दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर यह आदिवासी महिला, आज हैं मशरूम खेती की...
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है। मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है। आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालो की हार...
View Articleपिंजरे साफ़ करते-करते बन गया रक्षक, 200+ जानवरों को बचा चुका है यह युवक!
“पूरे भारत में शायद बेंगलुरू ऐसा शहर है जहां की बायोडायवर्सिटी इतनी समृद्ध है। जंगलों से लेकर यहाँ की झीलों तक और पशु-पक्षियों की प्रजातियों तक, आपको शायद ही दूसरा कोई शहर ऐसा मिले। लेकिन यहाँ लोगों की...
View Articleसालों की मेहनत से बंजर पड़ी कोयले की खदान में लगाए हरे भरे पेड़,बना बायो...
झारखंड एक ऐसा प्रदेश है जो जल, जंगल, जमीन और अपनी खनिज संपदा के लिए जाना जाता है। अपनी प्राकृतिक संपदा के लिए मशहूर झारखंड में देश के कोयले का सबसे बड़ा भंडार पाया जाता है। खनन गतिविधियों से राज्य के...
View ArticleFree Online Courses: घर बैठे मुफ्त में करें ये कोर्स, नौकरी पाने में आएंगे...
कोरोनावायरस और इसके कारण हुए लॉकडाउन की वजह से आज कई लोगों का जीवन ठहर सा गया है। पर यदि हम चाहें तो इस आपदा को भी अवसर बना सकते हैं। इसके लिए हम बिना बाहर निकले, घर बैठे किसी भी ऑनलाइन कोर्स से जुड़...
View Articleगंदा नाला बन चुकी नदी से निकाला 100 ट्रक से ज्यादा कूड़ा, ढूंढा नदी का उद्गम...
उत्तराखंड में नैनीताल के श्यामखेत में अपने उद्गम से निकलकर शिप्रा नदी खैरना तक बहती है। 25 किमी की अपनी इस यात्रा में वह भवाली, कैंची धाम, रातीघाट, रामगाढ़ आदि जगहों को तृप्त करते हुए खैरना में कोसी नदी...
View Articleदेश भर में घूम-घूमकर, मिट्टी की बोरियों से बनाते हैं घर, गर्मियों में भी रहता...
स्टैनजिन लद्दाख की नुब्रा घाटी से है और समयुक्ता तमिलनाडु के कोयंबटूर की रहने वाली हैं। देश के दो अलग-अलग छोर से होने के बावजूद उनका एक ही मकसद है- पर्यावरण के अनुकूल घर का निर्माण करना। लद्दाख की...
View Articleउस शख्स की कहानी जिसने सतपुड़ा के जंगलों को टूरिस्ट स्पॉट में बदल डाला!
क्या आप जानते हैं जंगल में एक तिलिस्म होता है, एक महक होती है जो आपके अन्दर के अंधकार को मिटा देती है। भले ही हम विकास की रफ्तार में आगे बढ़ते जा रहे हों लेकिन यह सच है कि हम सब प्रकृति से दूर होते जा...
View ArticleIT की नौकरी और वीकेंड में खेती, 300 परिवारों तक शुद्ध अनाज पहुंचाते हैं ये युवक!
नौकरी करते हुए किसानी करना आसान नहीं है लेकिन कुछ लोग हैं जो यह काम बखूबी कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों में श्रीधर राव और किशोर कोंडा का नाम शामिल है। तेलांगना में हैदराबाद की कंपनी, परमती टेक्नोलॉजीज में...
View Article64 वर्षीया शुभांगी की प्लास्टिक फ्री मुहिम, मुफ़्त में बाँट चुकी हैं 35,000...
कहते हैं कि अगर किसी काम को करने के लिए दृढ़ संकल्प कर लिया जाए तो फिर दुनिया की तमाम बाधाएँ भी अवसर बन जाती हैं। इसका जीवंत उदाहरण हैं छत्तीसगढ़ की राजधानी, रायपुर में रहने वाली शुभांगी आप्टे,...
View Articleकई बेटियों का घर बसा चुकी हैं राजकुमारी किन्नर, अनाथ बच्चों को देती हैं माँ...
किन्नर सुनते ही शायद नाच-गाना और बधाई देकर पैसे लेने लेने वालों की तस्वीर आपके मन में आती होगी। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी किन्नर माँ के बारे में जो करीब 10 बच्चों का पालन पोषण अपने खर्च...
View Articleजहाँ बिजली भी नहीं पहुँचती, वहाँ आदिवासी भाषाओं में जानकारी पहुँचाते हैं ये...
शायद ही कभी क्षेत्रीय भाषाओं में सूचनाओं का आदान-प्रदान इस कदर हुआ होगा जिस तरह कोरोना संक्रमण के दौरान हुआ है। लगभग हर भाषा में कोविड-19 को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई गई। तकनीक ने इसे और सुलभ बनाते...
View Articleचीड़ पेड़ के पत्तों से बिजली उत्पादन कर महीने के लगभग 45 हज़ार रुपये कमा रहा...
ऊर्जा के क्षेत्र में पिछले कई दशकों से भारत नए-नए अवसर तलाश रहा है। सूरज, हवा और पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों के बाद अब वैज्ञानिक बायोमास यानी कि पेड़-पौधों और कृषि से निकलने वाले अपशिष्ट से ऊर्जा के...
View Articleछत्तीसगढ़: ‘जल स्टार’वीरेंद्र सिंह के अभियानों से एक नदी, 2 कुंड और 35 तालाब...
छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों का नाम आते ही ज़्यादातर लोगों के दिमाग में एक ऐसे क्षेत्र की छवि उभरकर सामने आती है जो पिछले कई वर्षों से हिंसा और संघर्ष से जूझ रहा है। लेकिन इस छवि के परे एक और छवि है, वह...
View ArticleIBM की नौकरी छोड़ शुरू किया खुद का काम,अब बनातीं हैं ऐसे बर्तन, जिन्हें खा भी...
मीठे हलवे से भरी कटोरी हो या आईसक्रीम, हम सब लज़ीज खाने का भरपूर स्वाद लेना चाहते हैं। यहाँ तक कि कभी-कभी कटोरी,चम्मच या प्लेट को चाट कर साफ करने से भी नहीं चूकते। हालांकि, चम्मच-कटोरी को चाटना हमारे...
View Articleइतवारी घुमक्कड़ी: चलें वहां जहां बाल सूर्य की अठखेलियां दिखती हैं सबसे पहले।
मखौल नहीं होगा फिर से पैरों में पहिए बांधना, कतई आसान नहीं होगा घर से निकल पड़ना। यायावरी के जो पंख अदृश्य विषाणु कतर चुका है, उन्हें फिर उड़ान की खातिर तैयार करने में वक़्त लेगा। तो भी ‘नामुमकिन’...
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