60+ की उम्र में बनाया क्लब; बदल रहे हैं गरीब बच्चों की ज़िदगियां!
शिक्षा व्यवस्था में उदासीनता के चलते गरीब छात्र-छात्राओं के लिए चल रही सरकारी योजनाओं की जानकारी उन तक नहीं पहुँच पाती है, जिससे वे इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते। सूचना क्रांति के बावजूद उपयोगी...
View Articleप्लास्टिक के बदले 250 बच्चों को मुफ़्त शिक्षा, किताबें और खाना दे रहा है यह...
बिहार के गया में सेवाबीघा गाँव के पद्मपनी स्कूल में हर सुबह स्कूल यूनिफार्म में अच्छे से तैयार बच्चों को आप स्कूल में अंदर आने से पहले ढेर सारा कचरा डस्टबिन में डालते हए देखेंगे। पहली नज़र में आपको शायद...
View Articleमुंबई स्लम्स के कमरे से अमेरिका के विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक बनने तक का सफर!
कई बार स्थानीय स्कूल ने जयकुमार वैद्य का परिणाम तब तक जारी नहीं किया, जब तक कि उनकी माँ ने फीस नहीं भर दी। उनकी माँ के पास फीस के लिए पैसे नहीं होते थे क्योंकि वह फीस भरने के लिए कई गैर-लाभकारी...
View Article9 साल में 5, 000 किसानों तक मुफ़्त देशी बीज पहुंचा चुके हैं यह कृषि अधिकारी!
मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले में कृषि विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी के रूप में कार्यरत 57 वर्षीय पूर्णा शंकर बार्चे को राज्य के जैव विविधता बोर्ड ने पुरस्कार से सम्मानित किया। बार्चे को यह पुरस्कार उनके...
View Article5.6 महीने तक दौड़कर जुटाया 650 से ज्यादा गरीब बच्चों के लिए साल भर का खाना!
भारत में एक बड़ी आबादी खाने की समस्या से जूझ रही है। कुछ लोगों के लिए पेट भरना तो छोड़िए एक समय का भोजन मिल जाए वो ही काफी होता है। आज की तारीख में आलम यह है कि भारत में The State of Food Security and...
View Articleरागी नूडल्स: अब हेल्दी भी हो सकता है फ़ास्ट फ़ूड!
दिल्ली में थी जब पहली बार दोस्तों के साथ चायनीज खाना ट्राय किया था और बस तब से ही पता चला कि अगर चायनीज में कुछ खाना है तो मैं या तो मोमोज खा सकती हूँ या फिर नूडल्स। हाँ, पर तब भी अक्सर कहीं पर भी...
View Articleलीक हो रहे नलों को ढूंढकर ठीक करते हैं ये युवा; 30% नगर निगम के पानी को...
साल 2018 में नीति आयोग द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट, ‘द कम्पोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स‘ (CWMI) के मुताबिक, वर्तमान में भारत इतिहास के सबसे बड़े जल-संकट से जूझ रहा है। लगभग 60 करोड़ भारतीय आज पानी न...
View Articleगहने और प्रॉपर्टी बेचकर बनाया अनाथ दिव्यांगों के लिए घर!
आपका थोड़ा-सा प्यार, दुलार और देखभाल, किसी का जीवन भी बदल सकता है और इस बात का उदाहरण है ‘इच्छा फाउंडेशन,’ जहाँ दिव्यांग और बेसहारा बच्चों को घर का साया ही नहीं, ममता भरा आँचल भी मिलता है। यह ममता भरा...
View Articleरीसाइकल्ड ऑफिस, रेस्तरां; गोबर और मिट्टी से बनाते हैं दीवारें, लकड़ी से बनती...
अहमदाबाद के रहने वाले आर्किटेक्ट स्नेहल और इंटीरियर डिजाइनर भद्री सुथार रीसाइकल्ड कंस्ट्रक्शन मैटेरियल से नए भवनों को तैयार करने का काम कर रहे हैं। सस्टेनिबिलिटी, इस दंपत्ति के काम करने का एक तरीका है,...
View Articleलग्ज़री होटल को गुडबाय बोलें, चुनें विलेज टूरिज़्म का सुकून!
चलिए जानते हैं घुमक्कड़ी के नए अंदाज़ के बारे में। कैसे होता है लीक से हटकर ट्रैवल? कहां जाया जा सकता है? क्या देखा जा सकता है? किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि स्थानीय संस्कृति, लोकाचार का...
View Articleवह महिला वैज्ञानिक जिसने मौत से पहले कैंसर से लड़ते हुए लिखे थे 11...
यह कहानी है एक ऐसी महिला वैज्ञानिक की जिसने कैंसर से लड़ते हुए न सिर्फ अपनी पीएचडी पूरी की बल्कि 11 अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र भी लिखें। 1952 में एक रूढ़िवादी परिवार में जन्मी, विजयलक्ष्मी ने लड़की होने पर...
View Articleमनचलों के लिए आफत है लखनऊ में लड़कियों की ये रेड ब्रिगेड टीम!
अगर वह सौम्य और कोमल हैं तो वक्त आने पर दुर्गा और काली का रूप भी ले सकती हैं, जी हाँ, नारी शक्ति में इतनी ताकत है कि वह बड़े-बड़े दुश्मनों का सर्वनाश कर दे। महिलाओं के प्रति हिंसा और अपराध की खबरें तो...
View Articleराजकुमारी गुप्ता: काकोरी कांड में बिस्मिल और अशफ़ाक के साथ था इनका भी हाथ!
देश के लिए मर-मिटने वालों की फ़ेहरिस्त में एक और अनसुना नाम शामिल होता है और वह है – राजकुमारी गुप्ता। यह नाम न तो स्कूल की इतिहास की किताबों में मिलेगा और न ही उनके बारे में गूगल पर कोई ख़ास जानकारी...
View Articleकभी बाढ़-प्रभावित रहे इस गाँव में आज लगे हैं 1 लाख से भी ज़्यादा पेड़!
कहते हैं कि जब तक आप खुद, खुद की मदद नहीं करते तब तक कोई और भी आपकी मदद नहीं कर पाएगा। बिहार के समस्तीपुर जिले का एक गाँव, हरपूर बोचहा इस बात का एक सटीक उदाहरण है। सालों से बाढ़ और सूखे की मार झेलने...
View Articleपिछले 14 साल से उदयपुर की झीलों को साफ कर रहे हैं 73 वर्षीय हाजी सरदार मोहम्मद!
झीलों की नगरी उदयपुर। गिर्वा पहाड़ियों की गोद में बसे इस शहर पर प्रकृति ने खूब मेहरबानी की है। चारों ओर पानी, पहाड़ और घने वन के बीच बसे इस शहर को देखने दुनियाभर से लोग पहुँचते हैं। सिर्फ प्रकृति ही...
View Articleदेश का पहला चप्पल बैंक चलाते हैं ये युवा; 8000 से ज्यादा गरीब बच्चों को पहनाई...
आज हम ऐसे ही एक युवा की कहानी को जानेंगे, जिनकी एक शुरुआत ने न जाने कितनी ज़िंदगियाँ बदल दी। महज़ 18 साल की उम्र में ग्वालियर के युवा आयुष बैद (जैन) ने जिस ‛मानवता ग्रुप’ की नींव राखी थी, आज उसका नाम...
View Articleघर से लाये डिब्बे में तेल, सूती बैग में दाल-चावल ले जाते हैं ग्राहक इस स्टोर से!
अक्सर सुपर-मार्केट या फिर मॉल में आप भले ही सामान के लिए सूती बैग ले जाएँ, लेकिन फिर भी आपकी शॉपिंग एकदम पॉलिथीन-फ्री नहीं हो पाती है। क्योंकि सब्ज़ी या फिर खुले दाल-चावल और भी कई अन्य ज़रूरत की चीज़ें...
View Article26 /11 हमले में मल्लिका की सूझ-बूझ से बची थीं 60 लोगों की ज़िन्दगी!
मुंबई, 26 नवंबर 2008, रात के लगभग 9:30 बजे। मल्लिका जगद ने गोलियों की आवाज़ सुनी। उन्होंने और ताज होटल के हेरिटेज विंग में बैठे 60 से अधिक मेहमानों ने सोचा कि यह किसी शादी में आतिशबाजी की आवाज़ होगी,...
View Articleइंजीनियर का इनोवेशन बना रहा है किसानों को सक्षम; खेत के कचरे से अब बनाते हैं...
मुझे मिट्टी के चूल्हे पर बना खाना बहुत पसंद है। आज भी कभी-कभी जब घर में मम्मी चूल्हे पर रोटियां सेंकती हैं तो हम सारे बहन-भाई चूल्हे को घेर कर बैठ जाते हैं। पर कुछ ही देर में जैसे ही धुंआ आँखों में...
View Articleहॉलेंड के ट्यूलिप से लेकर महाबलेश्वर की स्ट्रॉबेरी तक; 6000 पौधों का खज़ाना है...
जोधपुर, राजस्थान के 65 वर्षीय रवींद्र काबरा अपने शौक की वजह से काफ़ी लोकप्रिय हैं। वे शौक़ियां और प्रोफेशनल दोनों ही तौर पर गार्डनिंग करते हैं। उन्होंने गार्डनिंग की पहली एबीसीडी अपने दादा गोकुलचंद्र...
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