जब एक पाकिस्तानी नोबेल विजेता ने दिया अपने भारतीय गुरु को सम्मान!
साल 1979 में पाकिस्तानी वैज्ञानिक डॉ. अब्दुस सलाम को फिजिक्स के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाज़ा गया। पार्टिकल फिजिक्स में उनके बेहतरीन काम की वजह से ही ‘हिग्स बोसॉन’ की खोज सम्भव हुई, जिसे ‘गॉड्स पार्टिकल’...
View Articleभोपाल: 100 से ज़्यादा बेसहारा कुत्ते रहते हैं यहाँ प्यार, सौहार्द और सम्मान से!
“हमें कभी नहीं सिखाया गया कि कुत्ते खतरनाक हैं उनसे दूर रहो, लेकिन आजकल के अधिकांश पैरेंट्स बच्चों में यह डर पैदा कर रहे हैं। नतीजतन, बच्चे या तो कुत्ते देखकर भयभीत हो जाते हैं या फिर उन्हें पत्थर...
View Article‘लुधियाना का ग्रीन मैन’: इस IRS अफ़सर ने एक साल में लगा दिए 25 छोटे जंगल!
साल 2011 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब का लुधियाना शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर था। पर अब आठ साल बाद, ये आकंडे बड़े बदलाव की कहानी कह रहे हैं...
View Articleगाँवों से 40 टन कचरे का प्रबंधन करके 2, 000 यूनिट/दिन बिजली बना रहे हैं ये...
“लोग दूध को ‘सफ़ेद सोने’ की तरह देखते हैं और हम गोबर को ‘हरे सोने’ के जैसे इस्तेमाल कर रहे हैं,” यह मानने वाले नवल किशोर अग्रवाल ने साल 1984 में हरियाणा में करनाल के कुंजपुरा गाँव में टीसी इंडस्ट्री के...
View Articleबेटी के आख़िरी चार सपने पूरे करने निकला था यह पिता; हज़ारों बच्चों की दुआएं लिए...
“के मरके भी किसी को याद आएंगे, किसी के आंसुओं में मुस्कुरायेंगे, कहेगा फूल हर कली से बार-बार, जीना इसी का नाम है…!” गीत के यह बोल हम सबने अपने जीवन में बहुत बार सुने होंगे, पर गिनेचुने विरले ही होते...
View Article6 पॉकेट वाले इस सूती बैग के साथ करें प्लास्टिक-फ्री शॉपिंग, कीमत सिर्फ़ 165...
हम सभी को पॉलिथीन में फल और सब्ज़ियाँ लाने में और फिर उन्हें पॉलिथीन में ही फ्रिज में स्टोर करने में बुरा लगता है। पॉलिथीन में बंद ताज़ा सब्ज़ियाँ और फल बहुत जल्दी ख़राब होते हैं। पर फिर भी इस समस्या को हम...
View Articleदो युवाओं ने केरल के इन छोटे-छोटे गाँवों को बना दिया बेहतरीन टूरिज्म स्पॉट!
गाँवों से कितने लोग पढ़ लिखकर, बेहतर नौकरी के लिए शहरों की ओर पलायन कर जाते हैं। शायद यही कारण है कि गाँवों से नौजवानों की संख्या कम होती जा रही है। हमारी आँखों पर शहरों की चकाचौंध का ऐसा चश्मा चढ़ा...
View Articleसाइकिल पर जाकर कपड़े के थैले बाँट रही यह महिला, छेड़ी प्लास्टिक-मुक्त शहर की...
“वैसे तो मैं काफ़ी समय से समाज सेवा के कार्यों से जुड़ी हुई हूँ, लेकिन 3 साल पहले जब मैंने अपने 50वें जन्मदिन पर केक काटा तो साथ में एक प्रण भी लिया कि इतने सालों में मैंने समाज से लिया ही लिया है। पर...
View Articleजिस गाँव में था बाल-विवाह का सबसे ज़्यादा दर, उसी गाँव में अब मीडिया की आवाज़...
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के एक छोटे से गाँव की रहने वाली आँचल (14 वर्ष) ने स्मार्टफोन का इस्तेमाल पहले कभी नहीं किया था लेकिन 2014 में जब वह उनके गाँव में आई, इंटरनेट साथी अर्चना से मिली तो न...
View Article‘मैं धमकियों से नहीं डरता’, मानव-मल उठाने को मजबूर 41,000 बंधुआ मज़दूरों को...
“अगर एक इंसान भी देश में मल उठा रहा है या बंधुआ मज़दूर है तो यह हमारे पूरे देश के लिए शर्म की बात है। जो लोग इस काम के खिलाफ़ आवाज़ नहीं उठाते वे भी उतने ही दोषी हैं जितना कि इस काम को करने वाले लोग।...
View Articleपॉजिटिव एटीट्यूड से हराया कैंसर को, अब 65 वर्ष की उम्र में दौड़ती हैं मैराथन!
“कैंसर कॉमा है, फुलस्टॉप नहीं,” यह कहना है 65 वर्षीया गृहिणी अंजू गुप्ता का। दिल्ली के द्वारका में रहने वाली अंजू को साल 2015 में ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ। पर उन्होंने इस बात को बहुत ही सकारात्मक...
View Articleपटाखे : पंछी : मिस श्रीवास्तव की लाइटिंग
फड़ फड़ फड़ फड़ फड़ दो दिन हैं अभी दीवाली को साफ़ आसमान गुलाबी ठण्डक कोई पटाखा नहीं लेकिन मन अभी से दीवाली की शोरीली रात का पंछी हुआ है न पिए चैन न बिन पिए फड़ फड़ देर तक गूँजती महानगर के शोर में अंदरूनी...
View Articleसेनापति बापट : गुलाम भारत में किसानों को आज़ाद कराने वाला वीर सिपाही!
सेनापति बापट के नाम से मशहूर पांडुरंग महादेव बापट भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण व अविस्मरणीय कड़ी थे। 1921 में हुए ‘मूलशी सत्याग्रह’ का नेतृत्व करने के कारण उन्हें ‘सेनापति’ के नाम से जाना...
View Articleउदयपुर की ‘धरोहर’: इस इवनिंग शो को देखने के लिए देश-विदेश से पहुँचते हैं...
राजस्थान का नाम सुनते ही, प्रकृति के नजारे, मानवीय रचनाओं से समृद्ध हवेलियां, महल, संस्कृति, लोक गीत, लोक-नृत्य, रंग-बिरंगे पहनावे और उत्सव आंखों के सामने उतरने लगता हैं। राजस्थान की लोक परंपराएं,...
View Articleपुराने टायर से मेज और पुरानी मेज से अलमारी, कबाड़ से बनाते हैं ट्रेंडी फर्नीचर!
अगर ज़िंदगी में आप समाज के लिए कुछ भी अच्छा कर रहें हैं तो ‘थोड़ा भी बहुत है।’ इसलिए यह मत सोचिए कि ‘सिर्फ मेरे एक पॉलिथीन इस्तेमाल न करने से क्या हो जायेगा?’ आपका हर छोटा कदम एक बड़े बदलाव की शुरुआत हो...
View Articleइन महिलाओं ने मिलकर 100 गाँवों के पंडालों से एकत्रित किये फूलों से बनाई...
फूलों की खुशबू पूरे वातावरण को सुगंधित कर देती है, चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद, या फिर गुरूद्वारा लेकिन कभी आपने सोचा है कि भगवान को चढ़ाने के बाद इन फूलों का क्या होता है? छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में...
View Article“दिल्ली की उस बरसाती रात में ये तीन फ़रिश्ते न आते तो न जाने हमारा क्या होता”
दि ल्ली के रहने वाले राजीव चावला और उनकी पत्नी शालिनी के लिए शायद शुक्रवार की वो रात किसी बुरे सपने से कम न होती, अगर जगजीत, सतनाम और गुरमीत वक़्त पर उनकी मदद को न आते। “4 अक्टूबर 2019 की रात को मैं और...
View Articleप्राकृतिक खेती से 6 महीने में हुआ 2 लाख रुपये का मुनाफ़ा, व्हाट्सअप से की...
गुजरात के भावनगर जिले में जुनावदार गाँव में परिवार में जन्मे वनराज सिंह को लगता था कि उनकी किस्मत पहले से ही तय की जा चुकी है। “मैं एक किसान परिवार में पैदा हुआ और फिर मुझे पता था कि मुझे भी यही करना...
View Articleएक हेल्दी स्नैक ने बदली सोच; बच्चों के लिए खड़ी कर दी ‘हेल्दी फ़ूड’की पूरी रेंज!
आजकल कम उम्र में ही लोगों को हो रही बड़ी-बड़ी बिमारियों के बारे में सुनकर, अक्सर घर के बुजूर्ग कहते हैं कि अब पहले जैसा पौष्टिक और सेहतमंद खाना नहीं रहा। जंक फ़ूड खाने से अगर बच्चों को रोक भी ले, फिर भी...
View Articleअपने ही खेत में उगे जैविक उपज का वैल्यू एडिशन कर बना दिया अपना ब्रांड; आज...
हरियाणा के प्रगतिशील किसान राजपाल सिंह श्योराण आज खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं, पर राजपाल सिंह की स्थिति हमेशा से ऐसी नहीं थी। हिसार जिले के कोथकलां गाँव में रहने वाले एक किसान परिवार में उनका जन्म...
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