इस किसान के 3 एकड़ खेत में हैं केले की 430 प्रजातियां, लाखों में है मुनाफ़ा!
60 वर्षीय विनोद सहदेवन नायर, त्रिवेंद्रम के परसला के रहने वाले हैं। उनके खेत में आपको केले के विभिन्न प्रकार की प्रजातियां मिल जाएंगी। केले की खेती में नए प्रयोग करने वाले विनोद कहते हैं कि उन्होंने...
View Articleगार्डनगिरी: बालकनी में 30 तरह की सब्जी उगा रही हैं मुंबई की दीप्ति!
दीप्ति झंझनी मुंबई में रहती हैं और पिछले आठ साल से अपने 50 वर्ग फुट बालकनी में 30 से ज्यादा तरह की सब्जी उगा रही हैं। वह कहती हैं, “सब्जी और फल सबसे ज्यादा पोषण तब देते हैं जब उनकी खपत ताज़ा रहते ही...
View Articleमिर्च की प्रोसेसिंग ने बदली किसानों की ज़िंदगी, लॉकडाउन में भी नहीं रुका काम!
मिज़ोरम का सइहा जिला, मिर्च की ‘बर्ड्स आई’ किस्म के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। मिर्च की इस प्रजाति के लिए जिले को जीआई टैग (Geographical Indication) भी मिल चुका है। जीआई टैग या भौगोलिक संकेत किसी भी...
View Articleसूरत के 26,000 घरों से 5 अतिरिक्त रोटियां मिटा रही हैं हज़ारों प्रवासियों की...
सूरत में सांघाट रेजीडेंसी की रहने वाली अनिला के दिन की शुरुआत प्रवासी कामगारों के लिए रोटियां बनाने के साथ होती है। ये लोग अनिला के लिए अब ‘नया परिवार’ हैं। हालांकि, इससे पहले अनिला की मुलाकात इनमें से...
View Articleग़ालिब को आपके बुक शेल्फ तक पहुंचाने वाले मुंशी नवल किशोर की कहानी!
भारत में प्रिंटिंग का इतिहास 1556 में शुरु हुआ जब पुर्तगाल के जेसुइट मिशनरियों ने गोवा में पहला प्रिंटिंग प्रेस स्थापित किया था। 1577 में पुर्तगाली टेक्स्ट का तमिल अनुवाद डॉक्ट्रिना क्रिस्टम प्रकाशित...
View Articleकॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के वेतन को कैसे प्रभावित करेगा ‘आत्मनिर्भर पैकेज’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 मई 2020 को अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए, COVID-19 पैकेज के हिस्से के रूप में प्रमुख कर रियायत की घोषणा की है। उन्होंने जिन छह सुधारों के बारे में...
View Articleजानिए कैसे अनोखी तकनीकें अपनाकर फसलों का उत्पादन बढ़ा रहे हैं ये किसान!
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित टिकरी गाँव के रहने वाले 63 वर्षीय किसान, राम अभिलाष पटेल पिछले दो दशक से जैविक खेती कर रहे हैं। मात्र ढाई एकड़ ज़मीन पर वह गेहूं, चावल और मौसमी सब्जियों की फसल के साथ-साथ...
View Articleड्राई-ऑन-वाइन विधि से किशमिश की खेती: पुणे, नासिक के किसानों ने लॉकडाउन से...
कोविड-19 लॉकडाउन से पहले ही, फलों की खेती करने वाले रोहित चव्हाण के लिए बाजार के दरवाजे बंद हो गए थे। रोहित, पुणे जिला स्थित इंदापुर में अपने 72 एकड़ की जमीन पर अंगूर की खेती करते हैं। रोहित ने एमएससी...
View Articleबस्तर: 40 सरकारी स्कूलों में अब है स्मार्ट क्लास, एलेक्सा बना बच्चों का...
“शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसे आप दुनिया बदलने के लिए उपयोग कर सकते हैं। “– नेल्सन मंडेला देश में सरकारी स्कूल एवं शिक्षा व्यवस्था के सामने शिक्षकों की कमी एक बड़ी चुनौती है। यह समस्या ग्रामीण...
View Articleकोविड टाइम: क्या करें जब डोमेस्टिक हेल्प लौट आए काम पर?
कोविड 19 के इस दौर में लोगों पर घर की पूरी-पूरी ज़िम्मेदारी आ पड़ी है। घर की साफ़-सफाई से लेकर खाना बनाने तक का काम सभी अपने हाथों से कर रहे हैं। लेकिन एक बात सभी को परेशान कर रही है, वो है सिंक में जमा...
View Articleलकड़ी से बनी सीढ़ियां और सिलाई मशीन से वॉश बेसिन, यह कपल जीता है पूरी तरह...
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रहने वाली गार्गी परमार और उनके पति किरण भाले एक सस्टेनेबल लाइफस्टाइल जी रहे हैं। उनके घर से लेकर व्यवसाय तक, हर जगह वे पर्यावरण का ध्यान रखते हैं! गार्गी ने पुणे के स्कूल ऑफ़...
View Article#गार्डनगिरी: ‘खुद उगाएं, स्वस्थ खाएं’: घर की छत को वकील ने बनाया ‘अर्बन जंगल’!
असम के गुवाहाटी में रहने वाली सुमन दास ने दिल्ली की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। फ़िलहाल, वह गुवाहाटी उच्च न्यायालय में वकालत कर रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि अपने प्रोफेशनल करियर के साथ-साथ वह...
View Articleबिना किसी रसायन के इस शख्स ने 100 स्क्वायर मीटर में उगाया फ़ूड फोरेस्ट!
विपेश गर्ग पेशे से बागवानी विकास अधिकारी और दिल से एक बागबान हैं। जब विपेश गर्ग बड़े हो रहे थे, वह अक्सर पड़ोसी घरों से पौधे चोरी करते और मुसीबत में पड़ जाते थे। एक बार तो उनके पड़ोसी ने अपने घर से...
View Articleमदनलाल कुमावत: दिहाड़ी मजदूर से लेकर राष्ट्रपति के मेहमान बनने तक का सफर
हमारे आसपास ऐसी कई कहानियां हैं, जो देखने में साधारण लगती हैं पर उन्हें सुना जाए तो वे साधारण लोगों की असाधारण कहानियां होती हैं। यह कहानी भी एक ऐसे ही शख़्स की है, जिन्होंने महज़ चौथी कक्षा तक पढ़ाई की...
View Articleशौक को बनाया व्यवसाय, लोगों को स्वादिष्ट चटनियाँ खिला रहीं हैं ‘चटनी चाची’!
सभी भारतीय घरों में स्वादिष्ट पकवान, साग-सब्जियों के बीच भी तरह-तरह की चटनियों की अपनी ही अलग पहचान है। किसी घर में सब्ज़ी की जगह चटनी चटखारे लेकर खाई जाती है तो कहीं सब्ज़ी के साथ थाली में परोसी जाती...
View Article#StayHomeChallenge: मिलिए हमारे पांचवे हफ्ते के हीरोज़ से!
घर पर रहकर आज क्या नया किया? #कोरोना_वायरस से लड़ते हुए घर पर रहना, आज की परिस्थिति में देश-सेवा से कम नहीं है। यदि आप घर पर ही हैं, तो आज आप से बड़ा हीरो कोई नहीं है। घर पर समय काटने के लिए यदि आप कुछ...
View Articleस्वदेशी तकनीक और स्थानीय मज़दूर, ये आर्किटेक्ट कर चुके हैं बेहतर कल की शुरुआत
तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के साथ यह जरूरी है कि हम घरों का निर्माण कराते समय काफी सचेत रहें जो न सिर्फ देखने में सुंदर हो बल्कि उनमें कार्बन फुटप्रिंट भी कम से कम हो। इसलिए हमें पर्यावरण के अनुकूल...
View Articleवैश्विक महामारी पार्ट 1: मानव सभ्यता के इतिहास की पहली इंफ्लुएंज़ा महामारी!
लिंग मा का उपन्यास सेवरेन्स महज़ इत्तफाक था या कुछ और? 2018 में छपे इस उपन्यास में अमरीकी-चीनी मूल की लेखिका ने प्लेग की गिरफ्त में आने के बाद भुतहा शहर में तब्दील हो रहे न्यूयार्क की डरावनी तस्वीर...
View Articleकोविड-19 : रोगियों की सेवा के लिए अफ्रीका की आरामदायक ज़िंदगी छोड़ मुंबई...
डॉ. दिव्या बताती हैं, “जब हम छोटे थे तो सैनिकों का अपने देश के लिए बलिदान देने और युद्ध के मैदान में सबसे आगे खड़े रहने की कहानियां सुनते थे। इसलिए जब इस तरह का संकट आया, तो मुझे पता था कि मुझे रोगियों...
View Articleदिव्यांगता को मात दे बनाई अपनी पहचान, खुद अपने लिए किया स्पेशल स्कूटर का...
गुजरात के कच्छ इलाके में मुंद्रा तालुक में रहने वाले 47 वर्षीय धनजीभाई केराई सिर्फ दो साल के थे जब उन्हें पोलियो हुआ। जिसकी वजह से वह दिव्यांग हो गए। माता-पिता और आस-पड़ोस वाले सभी लोगों को उनकी चिंता...
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